देहरादून/उत्तराखण्ड: 19 Nov.–2023: रविवार को आज उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरो की आपडेट जाने पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ने कहा कि उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के पूरे ऑपरेशन के निरीक्षण करने पर सरकार की पहली प्राथमिकता श्रमिकों की रक्षा कैसे करें उनकी जो आवश्यकता है , उनको कैसे मिले जो फूड है उनके पास पहुंच पाए इस पर तेजी से कार्य हो रहा है। आने वाले समय में भोजन दृ मेडिसिन पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होगी यह कार्य जल्द पूरा होगा। वही इस दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि भारत सरकार एवं राज्य सरकार पूरे ऑपरेशन में पहली प्राथमिकता है कि सुरंग में बंद 41 श्रमिकों को कैसे जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालना है।
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की लाइन भी है। बात यह हैं कि उनकी रक्षा कैसे करें। बिजली की व्यवस्था , पानी की व्यवस्था यह सब सपोर्टिंग जितनी बातें उसकी भी व्यवस्था पूरी की गई है। बहुत से मशीन पहुंचे हैं जो पहला प्रयास हमने ऑगर ड्रिल मशीन का शुरू किया जो अमेरिका में बनी हुई है वह एक मशीन काम कर रही दूसरी भी मशीन है पर वह मशीन वह अच्छा काम कर रही थी अचानक हार्ड मटेरियल आने के कारण थोड़ा सा चिंता का विषय हुआ उसका भी टेक्निकल सॉल्यूशन निकल गया है
साथ ही वह मशीन जो है वह जो पाइप अंदर जाएगा वह आखरी तक पहुंच कर फिर वहां से लोगों को उसमें से बाहर निकलने का प्लान है उसमें । वर्टिकल भी तीन प्रकार के प्रयास है उसके भी हम कोई भी प्रयास ऐसा नहीं रखा जो हमको नहीं कर सकते हमने सब प्रकार के प्रयास किया पहले प्रायोरिटी है उनकी जान बचाना और जल्द से जल्द उनको बाहर निकलना है तो टेक्नोलॉजी अलग-अलग प्रकार की कम कर रही है।
वही इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूरी तरह से उनका प्रेजेंटेशन और उसका पूरी अभी तक का रिपोर्ट लिया है। राज्य सरकार और भारत सरकार ने जहां भी जरूरत होगी वहां एयरलिफ्ट या रोड बनाना रोड बनाना जो भी आवश्यकता होगी पूरी किया गई है। उन्होंने कहा कि यहां आपदा है जो बहुत बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि हिमालय की जियोलॉजी ऐसी है मैं महाराष्ट्र से हूं तो हमारे यहां पहाड़ का मतलब हार्ड पत्थर होता है, लेकिन हिमालय राज्य उत्तराखंड, हिमाचल की मिट्टी कुछ अलग है।
यहां मिट्टी सॉफ्ट है इसको आईडेंटिफाई की है और उसके लिए भी परमानेंट सॉल्यूशन कैसे ढूंढा जाए उसमें उत्तराखंड के सरकार ने भी एक रिसर्च इंस्टीट्यूट खोला है। मैं इतना ही बता सकता हूं यह जो ऑगर मशीन है अगर ठीक से चल गई तो हम दो से ढाई दिन में वहां तक पहुंच सकते हैं और वह भी प्रयास सबसे नजदीक होने वाला है पर इसके अलाओ अलग-अलग प्रयास किए जा रहे हैं। हमने वर्टिकल भी अंदर जाने के प्रयास पर कार्य कर रहे हैं।
इस मौके पर गडकरी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य सचिव बीएससी सिद्धू आदि ने श्रमिकों के परिवार जनों को भी मिले उन्होंने परिवारजनों को हिम्मत देते हुए सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकलने का आश्वासन दिया।
वही इसी के साथ उत्तराखण्ड सरकार में आपदा सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अब रोबोट की मदद ली जाएगी। सुरंग में मशीनों के इस्तेमाल से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मलबा लगातार गिरने से रेस्क्यू में बाधा आ रही है।
वही इस अवसर पर नई दिल्ली से प्रधानमंत्री कार्यालय के उपसचिव मंगेश घिल्डियाल एवं प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार तथा उत्तराखण्ड सरकार के विशेष कार्याधिकारी भास्कर खुल्बे, मुख्य सचिव एसएस संधू , गंगोत्री क्षेत्र के विधायक सुरेश चैहान , भाजपा जिला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा ,एनएचआईडीसीएल के निर्देशक, उत्तरकाशी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ,पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी, आदि मौजूद रहे हैं।