चि.संघ के अध्यक्ष त्यागी, महासचिव असलम बने, सेवन नियमावली में उचित बदलाव करना लक्ष्य

डा. त्यागी ने कहा राज्य में किस भी मेलो में  फिजियोथेरेपिस्ट के शिविर लगाए!

उत्तराखण्डः 08 सितंबर 2024, राजधानी के एस्लेहाल राजपुर रोड देहरादून स्थित एक होटल में भौतिक चिकित्सा संघ उत्तराखंड का चुनाव संपन्न हुए। इस चुनाव के दौरान उत्तरांचल बायोमेडिकल साइंसेज कॉलेज के अध्यक्ष जे.डी.सिंह  वार्न एवं एसबीएस यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. गौरव दीप सिंह ने सभी सदस्यों को शपथ दिलाई। वही इसी के साथ एसोसिएशन के डॉ. एस के त्यागी ने स्मृति चिंह देकर अतिथियो एवं चुनाव अधिकारी का स्वागत किया।

वही  इस  भौतिक चिकित्सा संघ उत्तराखंड में 4वां चुनाव  में   निर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष व पदाधिकारियो एवं सदस्यों को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित कर शपथ दिलाई गई। वही जिसमें इस चुनाव में सभी पदाधिकारी व सदस्य निर्विरोध चुने गए किसी भी पद के लिए मतदान करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। वही इस दौरान डॉ. सुशील कुमार त्यागी को संघ का नवनियुक्त प्रांतीय  अध्यक्ष चुना गया।

साथ ही डॉ. भारत मेहरा उपाध्यक्ष एवं डॉ. मुनीश राय अरोड़ा उपाध्यक्ष, डॉ. जे. के. मिश्रा संयोजक एवं डॉक्टर प्रभात बालोदिया, डॉक्टर मोहम्मद असलम महासचिव, डॉ. वसुधा वर्मा, व डॉक्टर अभिलाषा संयुक्त सचिव, डॉ योगेश डंगवाल कोषाध्यक्ष, डॉ संजय कुमार, साथ ही कार्यकारिणी सदस्य में डॉ रोशन सिंह, डॉ प्रदीप सेमवाल, डॉ राजेंद्र यादव, डॉ मोहित भट्ट, और पी.आर.ओ. डॉक्टर रिंकू यादव, डॉ पंकज सेमवाल, चयनित हुए।

इस अवसर पर शपथ ग्रहण समारोह में साइंसेज कॉलेज के अध्यक्ष जीडीएस वार्न/सीबीएस यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. गौरव दीप सिंह  मुख्य अतिथि के हाथों से नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। डा. एसके त्यागी ने कहा कि इस चुनाव सत्र 2024 से 2027 तक के लिए भौतिक चिकित्सा संघ उत्तराखंड की टीम अपनी जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ते हुए कार्य करेगी। इसी के साथ भौतिक चिकित्सा संघ उत्तराखंड के नवनियुक्त प्रांतीय  अध्यक्ष वरिष्ठ फीजियोथैरेपिस्ट डा. एस.के. त्यागी ने कहा कि पीएचसी स्तर पर भौतिक चिकित्सा की नियुक्ति एलइडी एंड हेल्थ केयर कमिश्नन 2021 को अपने राज्य उनका लक्ष्य रखा है।

इस मौके पर प्रांतीय  अध्यक्ष वरिष्ठ फीजियोथैरेपिस्ट डा. त्यागी ने कहा भौतिक चिकित्सा की नियुक्ति Allied and Healthcare Commission 2021 को अपने राज्य में लागू करवाना राज्य राज्य के सेवन नियमावली में उचित बदलाव करना लक्ष्य रखा हैl इस पहाड़ी राज्य में भी जल्द से जल्द लागू हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।  साथ ही उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कहीं भी किसी प्रकार का मेला या एग्जीबिशन लगी हो उसमें फिजियोथेरेपी के हेल्थ शिविर भी लगाए जाएं। इस मेलों में लगने वाले हेल्थ कैप में पैरामेडिकल संस्थाओं के सहयोग से फिजियोथैरेपी हैल्थ कैंप लगाए जाएंगे। जिसमें हम अपने फिजियोथैरेपिस्टों को वह छात्रों को भेज कर हेल्थ कैंप का लाभ लोगो को फिजियोथेरेपिस्ट की जानकारीयां पहुंचाएंगे।

वही, डॉ0 त्यागी ने कहा कि फिजियोथेरिपी शारीरिक समस्या के आधार पर फिजियोथेरेपी सभी के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, यह तो सभी को मालूम है कि सर्जरी के बाद और स्ट्रोक के इलाज के बाद रिकवरी के दौरान फिजियोथेरेपी एक अहम भूमिका निभाती है। लेकिन इसके अन्य लाभों से लोग अभी भी अनजान हैं। फिजियोथेरेपी एक परंपरागत इलाज है, जो मेडिकल साइंस का एक अहम हिस्सा है। इस उन्होने बताया कि फिजियोथेरेपी शिविर में लोगो को कई तरह के लाभ मिलते है जैसे स्लिप डिस्क,सियाटिका, गर्दन दर्द, जोड़ों का दर्द, मुंह का टेढ़ापन, फ्रेक्चर के बाद जोड़ों में जकड़न, घुटो के लिगामेंट व मोटापा आदि रोगों से संबंधित मरीजों की जांच कर परामर्श दिया जाता है।

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