प्राचार्य ने माना-डॉक्टर बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा,

उत्तराखंड: 26 Oct.2025,रविवार को देहरादून / राजधानी स्थित सुबे के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज,अस्पताल देहरादून हमेशा सुर्खियों पर बना रहता है। इस दून अस्पताल में रोजाना मरीजों और तीमारदारों के साथ डॉक्टर और (J.R.) जूनियर डॉक्टरों कि गर्मा- गर्मी बहस देखने को मिल जाएगी। इसी को देखते हुए मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राजकीय के दून मेडिकल कॉलेज ,अस्पताल में  डॉक्टरों की अनुपस्थिति या देरी को लेकर उठे सवालों पर दून  अस्पताल  की प्राचार्य प्रो0/डॉ. गीता जैन के अनुसार  अपनी सफाई में एवं डाक्टरो की लापवाही पर पर्दा डालते हुए कहा कि   अधिकांश डॉक्टर समय पर ड्यूटी पर पहुंचते हैं और अस्पताल में मरीजों के उपचार का कार्य पूरी व्यवस्था के साथ चल रहा है।

वहीं दूसरी और मरीजों एवं तीमार दरो ने हमारे संवाददाता को बताया कि यहां पर तैनात चाहे दून अस्पताल की ओपीडी हो या फिर ओटी इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर किसी नही सुनते और मरीज बेरुखी से बात करते हैं। उनका मन है तो इलाज करेंगे नहीं तो वह फटकार कर भगा देते हैं। यही हाल स्टाफ नर्स का भी है और यहां के वार्ड बाय तो माशा अल्लाह…अगर समय पर दिख जाए तो ऊपर वाले का शुक्र को जा रहा है। इस दून अस्पताल में मरीज और तीमारदार दोनों इलाज करने की पीछे नाचते दिखाई देते हैं।

डॉ. जैन ने बताया कि अस्पताल की  ओपीडी में रोजाना दो से ढाई हजार मरीजों की औसतन संख्या है, जो इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिनमें से बड़ी संख्या में मरीजों को समय पर उपचार मिलता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास प्रतिदिन सैकड़ों मरीज आते हैं, और डॉक्टर पूरी कोशिश करते हैं कि हर मरीज को उचित समय पर सही उपचार मिले और उसका ध्यान रखा जाएं।

उन्होंने कहा कि कभी-कभी तकनीकी कारणों या विभागीय दायित्वों के चलते किसी डॉक्टर का किसी दिन ओपीडी से अनुपस्थित रहना स्वाभाविक है, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि डॉक्टर ड्यूटी नहीं निभा रहे। कई बार डॉक्टर जांच, ऑपरेशन या किसी विशेष केस में व्यस्त रहते हैं।

प्राचार्य गीता जैन ने कहा कि कुछ घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि अस्पताल में सेवाएं लगातार बेहतर हो रही हैं। “हम सभी डॉक्टरों और स्टाफ का उद्देश्य एक ही है, कि मरीजों की सेवा, और इसमें कोई ढिलाई नहीं बरती जा रही‌। साथ ही उन्होने  कहा कि प्रशासन ने इस दिशा में सकारात्मक पहल की है और हाल ही में कई नए इंटरव्यू भी संपन्न हुए हैं। जल्द ही नए डॉक्टर जुड़ेंगे और जो थोड़ी बहुत कमी है, वह भी जल्द दूर की जाएगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्राचार्य ने डॉ गीता   भी माना कि वर्तमान में कुछ विभागों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी जरूर है, लेकिन फिर भी अस्पताल की टीम मिल-जुलकर काम कर रही है। “हमारी कोशिश यही रहती है कि ओपीडी उसी डॉक्टर से कराई जाए, जिससे मरीज पहले से इलाज करा रहा हो, ताकि निरंतरता बनी रहे।

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