देहरादून/उत्तराखण्ड:24-FEB.. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को खटीमा: थारू विकास भवन में आयोजित अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति महासम्मेलन को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि जनजातीय समाज का राष्ट्र निर्माण में बड़ा योगदान है। वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने दलित और वनवासी समाज के लिए अस्तित्व, अस्मिता और आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया था उसका आज संपूर्ण देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अक्षरशः पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमें यह याद रखना होगा कि पेड़ चाहे जितना भी विशाल हो, वह तभी खड़ा रह सकता है, जब उसकी जड़ें मजबूत हों। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज हमारे वटवृक्ष रूपी देश की मजबूत जड़ के समान है, इसलिए हमारी डबल इंजन की सरकार का मानना है कि जनजातीय समाज का मजबूत और आत्म निर्भर बनना हमारे देश और प्रदेश की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रत्येक ऐतिहासिक कार्य का विरोध करने वाले लोगों को जनजातीय सम्मेलन के आयोजन पर भी एतराज होता था, ऐसे लोगों को जनजातीय समाज द्वारा नव भारत निर्माण में किए गए योगदान का आभास ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के राष्ट्र निर्माण में किए गए योगदान की जानकारी से देश को अंधेरे में रखा गया और अगर बताया भी गया तो बहुत ही सीमित दायरे में। परन्तु वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारा देश जाग चुका है और अब कोई भी इनकी संस्कृति और इतिहास के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकता।
वही इस मौके पर सीएम ने कहा कि 2014 से पहले राजनीतिज्ञों में दलित और जनजातीय समाज को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक राजनैतिक इच्छाशक्ति की कमी थी, उन्होंने इस समाज के व्यावसायिक हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया और दिखावे तक ही दलित समाज के विकास की बात किया करते थे। पूर्व में राजनीतिज्ञों द्वारा जनजातीय समाज को धर्म के नाम पर आपस में बांटकर देश में वोटबैंक की राजनीति करने का महाषड्यंत्र भी रचा गया।
साथ ही उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास“ के मंत्र को आत्मसात कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लोगों के लिए कई ऐसी योजनाओं को लागू किया है, जिनसे यह समाज विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में हर साल एससी/एसटी के कल्याण के लिए आम बजट में जहां आवश्यक बढ़ोतरी की गई, वहीं उनकी आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्थित को मजबूत करने के लिए कई बड़े फैसले भी लिए गए हैं। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत उन गांवों को आदर्शों गांवों में विकसित किया गया, जिनकी आबादी में 50 प्रतिशत जनसंख्या एससी/एसटी वर्ग की थी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने जहां एक ओर उज्ज्वला गैस कनेक्शन योजना में गरीबों, शोषितों, वंचितों, आदिवासियों और दलितों को प्राथमिकता दी वहीं आयुष्मान योजना द्वारा इस वर्ग का मुफ्त इलाज सुनिश्चित किया । उन्होंने कहा कि आज 50 प्रतिशत आदिवासी आबादी वाले क्षेत्र में एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं। सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि एक और जहां कालसी, बाजपुर एवं खटीमा में केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय का संचालन किया जा रहा है
वहीं दूसरी और ग्राम मैरावना, चकराता व देहरादून में भी नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय की स्थापना के लिए भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। उन्होंने कहा कि आज देश में प्रधानमंत्री द्वारा गठित डॉ० अंबेडकर फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का ही प्रतिफल है कि दलित और जनजातीय समाज के कल्याण और पुनर्जागरण का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के उच्चीकृत आदेश कक्ष तथा उच्चीकृत परिवहन शाखा बैरेक का भी उद्घाटन किया।
वही इस कार्यक्रम में सांसद अजय टम्टा, एससी आयोग के अध्यक्ष मुकेश कुमार, डॉ.भीमराव अम्बेडकर जनकल्याण समिति के अध्यक्ष शीशराम, एसके सेन आदि ने भी अपने अपने विचार रखे। वही इस दौरान कार्यक्रम में जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, एसएसपी मंजूनाथ टीसी, सीडीओ विशाल मिश्रा, एसडीएम रविंद्र बिष्ट, तुषार सैनी, अध्यक्ष मण्डी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत, उपाध्यक्ष किसान आयोग राजपाल सिंह, पूर्व विधायक डॉ.प्रेम सिंह राणा आदि उपस्थित थे। इसी के साथ कार्यक्रम के पश्चात मुख्यमंत्री ने नगला तराई स्वर्गीय धन सिंह के आवास पहुंचकर लगभग 90 वर्षीय बूढ़ी आमा नन्दा देवी का हालचाल जाना तथा आशीर्वाद लिया।