परमार्थ निकेतन श्री निःशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय, अयोध्या धाम हुआ हाईटेक!

वेदों के मंत्रों को पत्थरों पर उल्लेखित कर इसकी भी घोषणा की।

उत्तराखण्डः 24 अगस्त 2024, शनिवार को देहरादून / ऋषिकेश/अयोध्या स्थित परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी की दिव्य कृपा व आशीर्वाद से परमार्थ निकेतन द्वारा अयोध्या धाम में स्थित ‘श्री निःशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय’ में 10 कम्प्यूटर सेट्स निःशुल्क प्रदान किये। आज पूज्य संतों, आचार्यो और विद्यार्थियों की उपस्थिति में शताब्दि कम्प्यूटर लैब का लोकार्पण किया गया।

इस मौके पर  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी, प्रमुख मणि राम दास छावनी, अयोध्या और अध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि न्यास की दिव्य भेंटवार्ता हुई। दोनों पूज्य संतों ने धार्मिक और सामाजिक विषयों पर चर्चा की।

साथ ही  स्वामी जी ने बताया कि महंत श्री नृत्य गोपाल दास जी के 85 वें जन्मदिवस पर आमंत्रित किया गया था परन्तु यात्राओं के कारण उस अवसर पर पहंुच नहीं पायें थे इसलिये अभी उनसे भेंट कर उनके स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की मंगल कामना की।

इस अवसर पर  गुरूकुल के प्राचार्य आचार्य नागेन्द्र कुमार शास्त्री जी ने कहा कि पूज्य स्वामी जी जब भी अयोध्या धाम आते हैं उनकी विशेष कृपा दृष्टि गुरूकुल पर रही है। परमार्थ निकेतन के इस महत्वपूर्ण योगदान से गुरुकुल के विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा के साधनों से सुसज्जित कम्प्यूटर लैब प्राप्त हुई है, जिससे अब विद्यार्थी तकनीकी ज्ञान में भी निपुण हो पायेंगे। उन्होंने कहा कि पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी जब पहली बार आयें थे तब उन्होंने कहा था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं, बल्कि विद्यार्थियों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाना है। विद्यार्थियों को शास्त्रों के अध्ययन के साथ आधुनिक ज्ञान देना भी अत्यंत आवश्यक है।

वही इस मौके पर  स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि स्वामी सत्यप्रकाश जी महाराज बहुत ही विद्वान व वैज्ञानिक थे। उन्होंने यहां पर रहकर बहुत सेवा की। स्वामी जी ने कहा कि जीवन में सत्य का प्रकाश अर्थात आचरण में सत्य होता हैं तो जीवन में प्रकाश होता ही है। जीवन में सच्चाई होेती है, अच्छाई होती है तभी जीवन में ऊँचाई प्राप्त होती है और वे सच्चाई, अच्छाई और ऊँचाई के प्रतीक थे।

इस अवसर पर स्वामी जी ने कहा कि वेदों की आज पूरे विश्व को आवश्यकता है। अब समय आ गया कि वेद वाणी विश्व वाणी बने; वेदभाषा, विश्व भाषा बने; जन-जन की वाणी बने, लोग वेदों के ज्ञान से परिचित हो सके क्योंकि वेद वाणी, वसुधैव कुटुम्बकम् की वाणी है। साथ ही  स्वामी जी ने कहा कि अयोध्या नगरी भगवान श्री राम चन्द्र जी की जन्मभूमि भी हैं और वेदों को पुनः जन-जन तक पहुंचाने के लिये यहां पर वेदों के मंत्रों को पत्थरों पर उल्लेखित कर एक वेद मंदिर बनाया जायेगा इसकी भी घोषणा की।

इस दौरान परम विद्वान व विनम्र श्री दीनानाथ शास्त्री जी ने पूरा जीवन गुरूकुल के लिये लगा दिया। साथ ही गुरूकुल के ट्रष्टियों, सदस्यों व आचार्यो ने बड़े ही आस्था, श्रद्धा और सहृदयता के साथ पूज्य स्वामी जी का अभिनन्दन किया तथा वेद मन्दिर वाले प्रस्ताव के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया।

श्री निःशुल्क गुरुकुल महाविद्यालय,  में विद्यार्थियों को पठन-पाठन के साथ व्यायाम, कर्मकाण्ड, आर्यवीर दल सेवा, राष्ट्रीय सेवा योजना, योगासन, प्राणायाम एवं संगीत की शिक्षा भी दी जाती है। पूज्य स्वामी जी के आशीर्वाद से अब आधुनिक कम्प्यूटर शिक्षा भी प्रदान की जायेगी।

 इस अवसर पर प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं उद्योगपति विपिन कुमार सिंह, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष श्रीमती रंजना शर्मा, प्रकाश कुमार गुप्ता, योगाचार्य विमल बधावन, आचार्य दीपक शर्मा, मोहन सिंह, सूरज शर्मा आदि अनेक सम्भ्रात नागरिकों, अध्यापकों, आचार्यों, विद्यार्थियों ने सहभाग किया।

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