उत्तराखंड:02 जुलाई 2024 मंगलवार को, उत्तराखंड में मानसून के आगाज के साथ प्रदेश के सभी स्कूलों में ग्रीष्मकालीन छुट्टियां खत्म होने के बाद 01 जुलाई से सभी सरकारी स्कूल खुल गए हैं। सभी शिक्षकों ने 01 जुलाई से अपना शिक्षण कार्य भार संभल लिया है।
वही जिसमें बता दे की गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद स्कूल लगने के पहले दिन बच्चों ने स्कूल खोलते ही छुट्टियों की बातों से पूरी क्लास में शोर व छुट्टियों की बातें चलती रही। शिक्षकों ने भी अपने छात्रों से छुट्टियों के बीते जाने के बारे में पूछा की कैसी छुट्टियां आपकी बीती है, अनुभव साझा करें। उसके बाद शिक्षक ने सबके होमवर्क भी चेक करें।
इस दौरान देहरादून राजधानी स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगतपुर डालावाला, सहसपुर ब्लॉक स्कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती पुष्पा रानी ने 01 जुलाई , सोमवार को स्कूल खोलने के साथ सबसे पहले स्कूल की साफ सफाई स्वयं अपने स्टाफ के साथ की क्योंकि स्कूल की छुट्टियों में बड़ी-बड़ी घास वी जंगली पेड़ पौधे उगे थे उनको हटाकर साफ सफाई की गई।
साथ ही पहले दिन बच्चों ने स्कूल में प्रवेश करते हुए प्रधानाध्यापिका एवं सहायक अध्यापक का में बच्चों के साथ ईश्वर की आराधना व प्रार्थना की। इस दौरान स्कूल में सभी बच्चे उपस्थित रहे। बच्चों में काफी उत्साह देखा गया स्कूल खुलने का।
इस दौरान प्रधानाध्यापिका श्रीमती पुष्पा रानी ने बताया कि छात्र-छात्राओं ने आपस में मिलकर खुशियां बाटी और छुट्टियों के किस्से एक दूसरे के साथ सांझा किया। साथ ही प्रधानाध्यापिका ने बताया कि बच्चों में स्कूल खुलने का जो उत्साह खुशी की लहर दिखाई बच्चों के चेहरे खिल रहे थे । क्योंकि एक महीने से अधिक बच्चे अपने घर में या माता-पिता के साथ बाहर घूमने गए हुए थे तो बच्चों ने अपने दोस्तों के साथ अपनी छुट्टियों को टीचर के साथ शेयर करने के लिए उत्साहित थे।
वहीं इसी के साथ स्कूल छोड़ने आए बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि शुक्र है स्कूल खुला बच्चे घर में बहुत उधम मचा रहे थे। और स्कूल की छुट्टियां खत्म होने के बाद अब स्कूल में बच्चे होमवर्क में और पढ़ाई में व्यस्त रहेंगे। थोड़ा अभिभावकों को भी आराम मिलेगा।
इसी के साथ 1 जुलाई को स्कूल खोलने के बाद जनपद के कई राजकीय विद्यालय में बच्चों को आने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही लंबी छुट्टियों के बाद खुले स्कूल से अभिभावक भी अलर्ट मोड पर आ गए हैं। बच्चों की किताबें यूनिफॉर्म बैग जो बिखरे पड़े थे अभिभावकों ने उसे सजा कर बच्चों को स्कूल भेजा।
कई राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में छुट्टियों के बाद स्कूल खुलने पर कुछ छात्रों की संख्या कम भी दिखाई दी लेकिन शिक्षकों का कहना है कि एक-दो दिन में सब बच्चे पूर्ण रूप से उपस्थित हो जाएंगे। वही कुछ स्कूल में शिक्षकों की भी अनुपस्थित किसी कारण वर्ष रही होगी।
हालांकि अभिभावकों को कहना है कि 01 जुलाई से स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन मानसून सत्र भी शुरू हो गया है भारी बरसात होने पर जगह-जगह जल भराव की स्थिति पैदा हो जाने पर बच्चों को स्कूल लाने ले जाने में अभिभावकों को बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। कई विद्यालय तो सरकारी जर्जर पड़े हैं जो की बरसात में स्कूलों की इमारत को नुकसान होने का खतरा भी मंडरा रहा है।
साथ ही प्रधानाध्यापिका एवं सहायकअध्यापका ने संयुक्त रूप से कहा कि सभी बच्चे एवंअभिभावा बरसातों में विशेषध्यान सावधानी पूर्वक स्कूल में आवाजअभी करें। आगम ए आगामी हरेला पर्व की तैयारी मैं वृक्षारोपण पर भी विशेष ध्यान दिया जएगा इसको पर्व के रूप में मनाया जाएगा।