उत्तराखंड: 11 Dec.2025, ब्रहस्पतिवार को देहरादून । एम्स ऋषिकेश में खेल और जोड़ों की चोट से संबन्धित परेशानी है तो घबराइये नहीं। एम्स ऋषिकेश में इन सबके इलाज के लिए एक विशेष स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक संचालित किया जा रहा है। खासतौर से युवाओं और खिलाड़ियों के लिए यह क्लीनिक विशेष लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
जोड़ों तथा लिगामेंट से संबंधित चोटों के उन्नत उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश में अब समर्पित स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक संचालित है। संस्थान के ट्राॅमा सेन्टर में स्थापित ओपीडी एरिया से इस क्लीनिक का संचालन किया जाता है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष फरवरी 2025 में उत्तराखण्ड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के दौरान सरकार द्वारा एम्स ऋषिकेश को खेल व चोट प्रबंधन हेतु अधिकृत किया गया था। वर्ष की शुरूआत में 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक चले इस आयोजन के दौरान तब एम्स की स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक की टीम ने कई खिलाड़ियों का सफल उपचार कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहंुचाया था।
जबकि पिछले महीने 16 नवम्बर को संस्थान के प्रेजिडेन्ट प्रो. राजबहादुर और कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में कंधा और घुटना एंडोस्कोपी व ऑर्थोस्कोपी कोर्स आयोजित कर स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक के माध्यम से भी इसे बढ़ावा देने की बात कही गयी थी। संस्थान द्वारा उपलब्ध करवायी जा रही इस स्वास्थ्य सुविधा से बाइक दुर्घटनाओं में लगने वाली घुटने की चोट, जोड़ों को खिसक जाने और तेज दर्द जैसी समस्याओं का समाधान भी आसान हो जायेगा।
एम्स ऋषिकेश प्रो. कमर आजम, विभागाध्यक्ष के मुताबिक’ ’’एम्स ट्राॅमा सर्जरी व प्रमुख स्पोर्ट्स इंजरी क्लीनिक’ज्यादातर मरीज ऐसे होते हैं जिन्हें फिसलने या बाइक से गिरने के कारण घुटने व लिगामेंट की गंभीर चोटें आ जाती हैं। ऐसे सभी घायलों के अलावा कंधे, घुटने, कूल्हे एवं टखने के दर्द और लीगामेंट टेंडन से संबंधित जोड़ों के दर्द से ग्रसित रोगियों का इलाज और आवश्यक परामर्श इस क्लीनिक के माध्यम से उपलब्ध करवाया जा रहा है। यह क्लीनिक ट्राॅमा सेन्टर के भूतल पर प्रत्येक सोमवार, बुद्धवार और शुक्रवार को सप्ताह में 3 दिन संचालित होता है।
’’एम्स ऋषिकेश संस्थान का उद्देश्य खिलाड़ियों व सामान्य मरीजों को उन्नत उपचार और पुनर्वास सुविधाएँ उपलब्ध करवाकर उन्हें शीघ्र स्वस्थ करना है। स्पोर्ट्स इंजरी क्लिनिक की उपलब्धियों के साथ ही एम्स ऋषिकेश देश का एकमात्र संस्थान है जहाँ पिछले 5 वर्षों से स्पोर्ट्स इंजरी पाठ्यक्रम में एमसीएच की उपाधि प्रदान की जा रही है। लोगों को चाहिए कि वह संस्थान की स्वास्थ्य इन सेवाओं का लाभ उठाएं।’’