देहरादून/उत्तराखण्ड: 08 MARCH.. 2023, खबर… राजधानी से बुद्धवार को 07 मार्च 2023, होलिका दहन के बाद आज बुधवार को रंग खेला। वही जिसमें इस बार होलिका दहन को लेकर बने असमंजस के बीच प्रदेश के कई इलाकों में सोमवार को भी होलिका दहन किया गया। वहीं, अधिकांश जगहों पर आज होलिका पूजन और दहन किया । होलिका पूजन के लिए सुबह से ही महिलाएं लगी रही हैं।
देशभर में आज बुधवार 08 मार्च को होली पर्व की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को रंगों के त्योहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसने की कामना की है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को होली की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट कर कहा, “होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। आप सभी के जीवन में हमेशा आनंद और उमंग का रंग बरसे।
देश में सरहद से लेकर शहर-शहर तक होली का जश्न मनाया पूरे देश में रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया जा रहा है। पुलिस का साफ निर्देश है कि होली जमकर मनाइए लेकिन हुड़गंद बर्दाश्त नहीं होगा। इस बार देशभर के हर कोने में युवाओ एवं बच्चों से लेकर वृद्धजनो तक सभी ने रंगोत्सव पर्व को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया।
सभी लोगो ने अपने-अपने अंदाज में होली पर्व धूमधाम के साथ खेल कर मनायी गई। पर्यटक ड्रम की थाप पर थिरकते दिखे। इस मौके पर लोग एक दूसरे को रंग लगाकर और मीठा खिलाकर और गले मिलकर शुभकामनाएं देते हैं। देश में कई जगहों पररंगोत्सव खेलने के बाद एक-दूसरे के घरों में जाकर होली की शुभकामनाएं देने की परंपरा भी है।
देशभर में होली का हुड़दंग मचने विदेशों में इसी रंगों के त्योहार को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। रंगोत्सव कहीं सूखे रंगों के साथ खेलते हैं तो कहीं, कीचड़ वाली होती है। वही आज इस अवसर पर मथुरा में लोग होली का पर्व मनाने देश दुनिया से पहुंचे हैंए वृंदावन के बाके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ है। वहीं पठानकोट में बीएसएफ जवानों ने शहीद जवानों के परिवार वालों से साथ होली मनाई।
वही इस अवसर पर उत्तराखण्ड में आज बुधवार 08 मार्च को होली से पहले ही पहाड़ों में आपसी मेल मिलाप, रंग गुलाल खेलने और नाचने गाने की धूम हर तरफ देखी जा रही है। उत्तराखंड में रंगोत्सव अबीर गुलाल का रंग बिरखना शुरू हो गया है। लोगों ने पहाड़ी गीतों पर ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया। वही, गढ़वाली गीत हों या कुमाउंनी, राधा कृष्ण के भजन हों या बृज के पारंपरिक गीत… महिलाएं अपने घरों की छतों और मंदिरों में होली मनाती हुई नज़र आ रही हैं। वही इस अवसर पर ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहुंचे विदेशी साधकों ने रंगों और फूलों से जमकर होली खेली। सुबह से ही लोग घरों से निकल आए हैं और रंगों के साथ गाजे बाजे की धूम शुरू हो चुकी है।
वही होली पर किसी प्रकार की दिक्कत न हो, प्रशासन की ओर से इसका पूरा ध्यान रखा गया है। वही इस दौरान बाजार में मिलावट को रोकने के लिए अभियान चल रहा है। होली एक ऐसा पर्व है रंगों के पर्व होली का इंतजार लोगों को पूरे साल बना रहता है। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले होली पर्व के आते ही लोगों के भीतर एक अलग सी उमंग और ऊर्जा बनी रहती है। प्रेम और सद्भाव का होली पर्व हमारे जीवन में खुशियों के नए रंग भरने का मौका देता है। यही कारण है कि हर कोई होली के दिन न सिर्फ अपने प्रिय लोगों को बल्कि खुद को भी रंगों से सराबोर कर देना चाहता है।इस दिन की जाने वाली हंसी-ठिठोली से नाराज होने वालों के लिए भी सिर्फ एक ही वाक्य होता है बुरा न मानो होली है।