लाल किले से पीएम मोदी ने 1.5 घंटे के संबोधन में खुलकर बात की! कहा सामने एक मौका आया है!

पीएम मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर बड़े शान के साथ ध्वजारोहण किया। 

नई दिल्ली/उत्तराखण्ड: 15 AUGUST .. 2023, खबर… राजधानी से मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्‍त 2023 की सुबह 7.00 बजे 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले पर बड़े शान के साथ ध्वजारोहण किया।   नई दिल्ली लाल किले से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 10 बार आज देशवासियों को संबोधित किया। वही आज देश में 77वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से करीब 90 मिनट के राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जहां प्रधानमंत्री के रूप में अपने दो कार्यकालों की उपलब्धियां गिनाईं।

वहीं मोदी ने भारत के बढ़ते वैश्विक कद का भी उल्लेख किया। प्राचीर से पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मणिपुर में हो रही हिंसा का भी जिक्र किया। वही इस अवसर पर पीएम मोदी ने देश की जनता को बताया कि जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति लौट रही है।  साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं एकता की बात करता हूं कि तो घटना मणिपुर में होती है तो पीड़ा महाराष्ट्र में होती है। बाढ़ असम में आती है तो बेचैन केरल हो जाता है। हम एक ही होने की अनुभूति करते हैं। मेरे देश की बेटियों पर जुल्म न हो ये हमारा सामाजिक दायित्व है।

जब आज दुनिया के किसी देश में कोरोना के काल में मेरा सिख भाई लंगर लगाता तो हिंदुस्तान का सीना चौड़ा हो जाता है। वही पीएम ने मणिपुर के लोगों से समस्याओं का समाधान खोजने के लिए शांति की राह पर बढ़ने का आग्रह किया है। इस शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि भारत 1000 साल की गुलामी और आने वाले 1000 साल के भव्य पड़ाव पर खड़े हैं। इसलिए न हमें रुकना है। न दुविधा में जीना है। हमें खोई हुई उस विरासत का गर्व करते हुएए खोई हुई समृद्धि को प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना है। युवाशक्ति में हमें भरोसा है। आज मेरे युवाओं ने दुनिया में पहले तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत को स्थान दिला दिया है।

विश्व के युवाओं को अचंभा हो रहा है। भारत ने जो कमाल किया है वो दिल्लीए मुंबई और चेन्नै तक ही नहीं है।उन्होंने महिलाओं व समाज के गरीब एवं वंचित तबकों पर केंद्रित योजनाओं पर बल  दिया ।पीएम मोदी ने कहा कि भारत के वीरों ने इस कालखंड में कोई भूभाग ऐसा नहीं था कोई समय ऐसा नहीं था जब उन्होंने देश की आजादी के लौ को जलता न रखा हो। मां भारती बेड़ियों से मुक्त होने के लिए उठ खड़ी हुई थी। जंजीरों को झकझोर रही थी। देश की नारी शक्ति से लेकर कोई हिंदुस्तानी ऐसा नहीं था जो आजादी के सपने को लेकर जीता न हो। त्याग और तपस्या का वो व्यापक रूप एक नए विश्वास जगाने वाला वो पल आखिरकार 1947 में देश में आजाद हुआ। 1000 साल की गुलामी में संजोये हुए सपने देश ने संवरते हुए देखा।

मैं देख रहा हूं फिर एकबार देश के सामने एक मौका आया है। ये अमृतकाल का पहला वर्ष है, या तो हम जवानी में जी रहे हैं, या हम इस कालखंड में जी रहे हैं। सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के लिए काम करेंगे।पीएम मोदी ने कहा, ‘आज भारत पुरानी सोच, पुराने ढर्रे को छोड़ करके, लक्ष्यों को तय करके, लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए चल रहा है. जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी हम अपने कालखंड में ही करते हैं।

इसी के साथ  प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ‘जन औषधि केंद्रों’ की संख्या 10,000 से बढ़ाकर 25,000 करने के लक्ष्य को लेकर काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जन औषधि केंद्रों ने लोगों, विशेषकर मध्यम वर्ग को नई शक्ति दी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर किसी को मधुमेह हो जाता है, तो उसे करीब 3,000 रुपये मासिक खर्च करना पड़ता है। जिन दवाओं की कीमत 100 रुपये है, जन औषधि केंद्रों के माध्यम से हम उन्हें 10 से 15 रुपये में उपलब्ध करा रहे हैं।”  इन दिनों जो शिलान्यास मेरे द्वारा किया जा रहा है… आप लिखकर रख लीजिए… उनका उद्घाटन भी आपलोगों ने मेरे नसीब में छोड़ा हुआ है!

  आज वही  पीएम मोदी ने लाल किला से दिए गए अपने 1.5 घंटे के संबोधन में मणिपुर में हुई हिंसा पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, ”दुनिया अब हमारी प्रतिबद्धता के कारण हमें देख रही है।” उन्होंने कहा कि भारत कोविड महामारी के बाद के समय में ”विश्व मित्र” (दुनिया का मित्र) के रूप में उभरा है। प्रधानमंत्री ने कहा, “कोविड के बाद, भारत ने ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य सेवा’ दृष्टिकोण की वकालत की।  वही इस दौरान 2024 के अगले लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री के रूप में लाल किले की प्राचीर से यह मोदी का 10वां और आखिरी संबोधन था. अगले साल मई-जून में लोकसभा चुनाव होने हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.