फार्मासिस्टों ने ड्रग्स विभाग के अधिकारियों पर उठाए सवाल?

देहरादून/उत्तराखण्ड: 7  Oct.–2023: खबर…. राजधानी से मिली ताजा जानकारी के अनुसार देहरादून स्थित  डण्डा लाखौण्ड, गुजराड़ा सहस्त्रधारा स्थित खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय में  देहरादून चिकित्सालय के समस्त फार्मासिस्टों के द्वारा  झोलाछाप क्लिनिक व बिना फार्मासिस्ट के संचालित मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई  मांग की! वही इस मौके पर फार्मासिस्ट का कहना है कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत ड्रग लाइसेंस व पंजीकृत फार्मासिस्ट का दवा स्टोर पर दवा वितरण करना अनिवार्य है। जिसमें लाइसेंस तभी जारी किया जाता है।

वही जिसमें दवा की कई दुकानो पर गैर फार्मासिस्ट के दवा वितरण की जा रही हैं। जबकि ड्रग कानून एक्ट के तहत ऐसा पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही का प्रावधान है। साथ ही जिस तरह से देहरादून के कई मेडिकल स्टोर में बिना फार्मासिस्ट एवं बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं। यह एक बहुत ही गंभीर सोचनीय विषय है। इसमें सीधा ड्रग्स विभाग के संबंधित ड्रग्स इंस्पेक्टर की मिली भगत या लापरवाही कहे दोनों देखने को मिल रही है।

वहीं इसी के साथ फार्मासिस्ट संघ के मनोज रावत ने बताया कि थोक विक्रेताओं के द्वारा बिना लाइसेंस के मेडिकल स्टोर व शहर में झोलाछाप डॉक्टरों एवं क्लिनिक को आसानी से खुली दवा उपलब्ध कराई जा रही है। और लाइसेंस धारकों के नाम से बिल काटे जा रहे हैं। जिसका विभाग एवं विभागीय अधिकारियों के द्वारा कोई भी संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। ना हीं कोई ऐसी ठोस एक्शन लिया जा रहा है। अगर कुछ कार्यवाही भी की जाती है ड्रेस कंट्रोलर के द्वारा दिखावा/खानापूर्ति के लिए कार्यवाही महज दिखावा साबित होती है।

इस दौरान कई बिंदुओं पर बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्ट संघ ने ड्रग्स कंट्रोलर से इस मामले में जांच एवं सख्त कार्रवाई की मांग की गई है। लेकिन जब फार्मासिस्ट संघ ने बताया कि कई बिंदु  पर अपनी मांग पत्र लेकर ड्रग्स कंट्रोलर, देहरादून के कार्यालय पहुंचे तो सूचना मिलते ही ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी उन्हें देख पिछले दरवाजे से निकल गए। जिससे उनको फार्मासिस्टों का सामना नहीं करना पड़े। और ना ही कोई जवाब देयी बन सके।

साथ ही फार्मासिस्टों ने आरोप लगाया है की ड्रग्स कंट्रोलर विभाग में कुछ ऐसे अधिकारी भी हैं जिनकी सांठ- गांठ और के चलते शहर के मेडिकल स्टोर पनप रहे हैं। और मेडिकल स्टोर वाले निडर होकर बिना फार्मासिस्ट बिना लाइसेंस के अवैध रूप से कार्य कर रहे हैं। इनकी कोई जांच नहीं होती। वही इस दौरान फार्मासिस्टों का कहना है कि ऐसे दवा की दुकारो पर गैर फार्मासिस्ट के एवं बिना लाइसेंस दवा वितरण पर कानून एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है।

उत्तराखंड में ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट का जिस तरह से लगातार उल्लंघन हो रहा हैं। यह एक बहुत निंदनीय विषय है। साथ फार्मासिस्ट संघ के सदस्य सुधीर रावत जी बताया कि पूरे उत्तराखंड में कई मेडिकल स्टोर बिना फार्मेसी बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। वही जब देहरादून पुलिस द्वारा हाल ही में दून केकई मेडिकल स्टोरो पर छापे मारी की गई जिसमें करीब 60 से अधिक मेडिकल स्टोरो पर फार्मासिस्ट के बिना एवं लाइसेंस के बिना दुकाने संचालित हो रही जिससे सीज भी किया गया। इस पर ड्रग्स विभाग के ड्रग कट्रालरं व इंस्पेक्टर क्यो तिल मिलाए?

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