अब देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों को दुश्मन की गोली का जवाब देने के लिए सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती। हमारी सेना गोली का जवाब गोलों से देने का कार्य करती है। ’’राष्ट्र-सर्वोपरि’’ की भावना से ओत-प्रोत हमारे वीर सैनिकों ने सदैव ही देश की ’’आन-बान और शान’’ को अक्षुण्ण रखने का कार्य किया है।
हमारे देश के वीर सैनिकों ने आजादी के बाद हुए प्रत्येक संघर्ष में हमेशा अपने शौर्य और पराक्रम से दुश्मन के छक्के छुड़ाने का साहस दिखाया है। देवभूमि उत्तराखंड के अनेकों वीर सैनिकों ने भी देश की सुरक्षा के लिये अपने प्राण न्योछावार किये हैं। जिन्होंने अपने अदम्य साहस और वीरता से विश्व को यह आभास कराया है कि शांति का उपदेश देने वाली हमारी यह पावन भूमि समय आने पर अपने शौर्य और पराक्रम द्वारा दुश्मनों को मुंह तोड़ जवाब देने की क्षमता भी रखती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री श्री मोदी के कुशल नेतृत्व एवं रक्षामंत्री के अथक प्रयत्नों का ही परिणाम है कि हमारे सैनिकों को किसी भी प्रकार के सैन्य साजो समान की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। एक सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने राष्ट्र सेवा के प्रति हमारे वीर जवानों के जज्बें को बहुत ही करीब से देखा है। हमारी सरकार का हमेशा से प्रयास रहा है कि आने वाली पीढ़ी, सैनिकों के पराक्रम और वीरता से भलीभांति परिचित हो सके। इसी दिशा में हमारी सरकार राज्य में भव्य सैन्य धाम के निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
इसका निर्माण प्रधानमंत्री द्वारा उत्तराखण्ड को सैन्य धाम बताये जाने के विजन के अनुरूप किया जा रहा है। अभी हाल में ही देश के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी ने चीड़ बाग में “शोर्य स्थल“ का लोकार्पण कर वीर सैनिकों के हितों के प्रति केंद्र व राज्य सरकार की प्रतिबद्धता का परिचय दिया।