निकाय चुनाव में शराब नही स्थानीय मुद्दे होगें हेवी!

उत्तराखण्डः 07- Jan. 2025, मंगलवार को देहरादून ।  उत्तराखंड में निकाय चुनाव का रण, निकाय चुनाव को लेकर सियासत जोरों पर हैं देहरादून नगर निगम के महापौर पद के लिए भाजपा-कांग्रेस समेत 11 उम्मीदवारों ने ताल ठोकी है। जिसमें छह निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं। इस बार मुकाबला दिलचस्प है, क्योंकि कांग्रेस ने छात्र राजनीति के दौरान बड़ा चेहरा रहे दून  महापौर पद के लिए वीरेंद्र पोखरियाल को टिकट दिया है, वहीं भाजपा ने छात्र राजनीति के सक्रिय चेहरा रहे सौरभ थपलियाल दून  महापौर पर दांव खेला है । वहीं, कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं ।

वही अब सवाल यह है कि नगर निगम की जनता अगले 5 सालों में अपने क्षेत्र में कैसा बदलाव देखना चाहती है? इसी के साथ क्षेत्र की जनता का कहना है कि आखिरकार, देहरादून के मतदाता उन प्रत्याशियों को मौका देना चाहते हैं, जो चुनावी वादों से आगे बढ़कर शहर को एक बेहतर और सुरक्षित जगह बनाने का सपना साकार कर सकें। सवाल यह है कि क्या यह चुनाव जनता की उम्मीदों पर खरा उतर पाएगा।

हमारे   uttarakhanddwaar.in News Portal  ने देहरादून के विभिन्न हिस्सों में जाकर जनता से बातचीत की और उनकी राय जानी। मौके पर जनता की प्राथमिकता में खराब सड़कें, जलभराव, महिला सुरक्षा और ट्रैफिक जाम जैसे मुद्दे शामिल हैं । सबसे बड़ी समस्या यह है कि बाजारों में महिलाओं के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं है ।  उन्होंने मांग की कि प्रत्याशी महिलाओं की इन बुनियादी समस्याओं पर ध्यान दें ।

साथ ही वार्ड नं0 15 के स्थानीय निवास जगदीश लाल ने कहा कि  विभिन्न वार्डो के अंर्तगत में खुले शराब के ठेकों पर नाराजगी जताई।  इन ठेकों के कारण यहां का माहौल खराब हो रहा है और बहन-बेटियों की सुरक्षा की चिंता बनी रहती है। उन्होंने प्रत्याशियों से पानी, बिजली और सड़क के साथ-साथ ‘सुरक्षित दून’ बनाने की अपील की।

वही श्रीमति सीमा देवी  ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देने की बात कही , उन्होंने स्ट्रीट लाइट्स दुरुस्त करने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि शहर की मुख्य सड़कों की हालत ढंग से ठीक नही  है, लेकिन अंदरूनी मोहल्लों में सड़कें खराब हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ट्रैफिक जाम से दून की सुंदरता पर असर पड़ा है।  नगर निगम को इस पर ध्यान देना चाहिए।

इस दौरान वार्ड नं0 14 से  पुष्पारानी ने कहा कि स्थानीय निवासी, ने कूड़ा उठाने की व्यवस्था सुदृढ़ करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब सड़कें कूड़ा मुक्त होंगी, तभी सुंदर और स्वच्छ दून का सपना साकार होगा. यातायात व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, पानी, बिजली और सीवरेज जैसे मुद्दे भी बेहद अहम हैं। प्रत्याशियों को चुनाव जीतने के बाद इन पर गंभीरता से काम करना चाहिए. हम चाहते हैं कि आने वाले पांच साल बेहतर हो।

रमेश कुमार सड़कों की बदहाल स्थिति पर नाराज़गी जताते हैं. उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से वार्ड में सड़क बनती है, लेकिन कुछ महीनों बाद सीवरेज या पानी की पाइपलाइन के नाम पर फिर से खोद दी जाती है।  इससे देहरादून के कई क्षेत्रों की सड़कों की हालत बेहद खराब हो गई है. बरसात के दौरान जलभराव भी एक बड़ी समस्या है. उन्होंने प्रत्याशियों से अपील की कि स्वच्छ दून, सुंदर दून के वादे को हकीकत में बदलें।

इस मौके पर जनता का कहना है कि देहरादून नगर निगम का चुनाव स्थानीय स्तर का है, इसलिए यहां के मुद्दे भी स्थानीय हैं. सड़कों की मरम्मत, जलभराव, ट्रैफिक जाम, महिला सुरक्षा, कूड़ा प्रबंधन और बुनियादी सुविधाओं में सुधार की जरूरत है।

निकाय चुनाव का रण, पर कांग्रेस/ बीजेपी ने कमर कस ली है। अपने प्रत्याशियों को जीत के लिए कांग्रेस/बीजेपी दोनो बड़े दलो के वरिष्ठ नेताओं ने खास रणनीति बनाई है।

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