संवत- 2081:आओ जागें जगायें, भारतीय संस्कृति अपनायें और आगे बढ़ें!!
उत्तराखंड : 09 अप्रैल 2024, मंगलवार को भारत में हिंदू नव वर्ष (विक्रमी संवत-2081)( 9 अप्रैल 2024 को ) चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा की हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई! *आज के नवयुवक अपनीं संस्कृति की झलक को अवश्य पढ़ें और साझा करें ।।आओ जागें जगायें, भारतीय संस्कृति अपनायें और आगे बढ़ेंI
आज , मेरा नववर्ष आरम्भ होगा, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से..
इस अवसर पर हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। पंचांग अनुसार ये तिथि 9 अप्रैल 2024, मंगलवार के दिन पड़ रही है। इस तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 की रात 11 बजकर 52 मिनट से होगी और समाप्ति 9 अप्रैल 2024 की रात 8 बजकर 33 मिनट पर होगी।*
🔹1 जनवरी को क्या नया हो रहा है ?*
▪️न ऋतु बदली.. न मौसम!!
▪️न कक्षा बदली… न सत्र !!
▪️न फसल बदली…न खेती!!
▪️न पेड़ पौधों की रंगत!!
▪️न सूर्य चाँद सितारों की दिशा!!
▪️ना ही नक्षत्र।।
वहीं हर साल में 01 जनवरी आनें से पहले ही सब नववर्ष की बधाई देनें लगते हैं। मानों कितनां बड़ा पर्व हो।
*नया केवल एक दिन ही नहीं कुछ दिन तो नई अनुभूति होनीं ही चाहिए। आखिर हमारा देश त्योहारों का देश है।*
*नया साल 1 जनवरी को और भारतीय नववर्ष (विक्रमी संवत) चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। आईये देखते हैं दोनों का तुलनात्मक अंतर:
🔹1. प्रकृति:-एक जनवरी को कोई अंतर नहीं जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी.. वही चैत्र मास मार्च में चारों तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारों तरफ हरियाली मानों प्रकृति नया साल मनां रही होI*
🔸2. मौसम, वस्त्र:-साल का अंतिम माह दिसम्बर और शुरू का जनवरी माह में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर.. लेकिन।
*बता दें कि चैत्र मास मार्च में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होनें जा रहा होता है। इस हिंदू नव वर्ष में बड़ा ही महत्व और प्राकृति का सौंदर्य रूप है!
🔹3. विद्यालयों का नया सत्र:
*दिसंबर जनवरी में वही कक्षा कुछ नया नहीं..
जबकि, मार्च अप्रैल में स्कूलों का रिजल्ट आता है नई कक्षा नया सत्र यानि विद्यालयों में नया साल।
🔸4. नया वित्तीय वर्ष:*दिसम्बर-जनवरी में कोई खातों की क्लोजिंग नहीं होती..*!
जबकि, 31 मार्च को बैंको की (audit) क्लोजिंग होती है नए बही खाते खोले जाते हैंI सरकार का भी नया सत्र शुरू होता हैI*
🔹5. कलैण्डर:-जनवरी में नया कलैण्डर आता है..!
* चैत्र में नया पंचांग आता हैI उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूरत देखे जाते हैंI इसके बिना हिन्दू समाज जीवन की कल्पनां भी नहीं कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग I*
🔸6. किसानों का नया सालः*- दिसंबर-जनवरी में खेतों में वही फसल होती है..*
वहीं,, मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानों का नया वर्ष और उत्साह।*
🔹7. पर्व मनानें की विधि:- 31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर शराब पीते है, हंगामा करते हैं, रात को पीकर गाड़ी चलानें से दुर्घटनां की सम्भावनां, रेप जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश..।
जबकि, भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है घर घर मे माता रानी की पूजा होती है I शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है।*
🔸8. ऐतिहासिक महत्त्वः-01 जनवरी का कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं है..!
*जबकि, चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रा प्रारंम्भ, ब्रम्हा जी द्वारा सृष्टि की रचनां इत्यादि का संबंध इस दिन से हैI*
*01 जनवरी को अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगों के अलावा कुछ नहीं बदला.. अपनां नव संवत् ही नया साल है। जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तियाँ, किसान की नई फसल, विद्यार्थीयों की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है। जो विज्ञान आधारित है।*
🔹अपनीं मानसिकता को बदलें I विज्ञान आधारित भारतीय काल गणनां को पहचानें। स्वयं सोचें की क्यों मनायें हम 1 जनवरी को नया वर्ष..??
01 जनवरी को कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति नहीं “*