खबर का असर…दो बड़े डॉ0 अधिकारियों की जोड़ी में से, एक ने डाले हथियार!

उत्तराखण्डः 07 NOV. 2024, ब्रहस्पतिवार को देहरादून / राजधानी स्थित  सूबे के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल देहरादून सुर्खियों में बना रहना इसकी आदत सी बन गयी है। वही जिसमें आपको बता दे कि हमारी एक खबर इस दून अस्पताल के दो बड़े अधिकारियों की जोड़ी को लेकर प्रमुखता से खबर  (दून अस्पताल में दो डॉ0 अधिकारियों की जोड़ी से सब हो रहे परेशान, पत्रकारो से भी कर रहे भेदभाव!!)  प्रकाशित की थी ।   जिसमें सूत्रों से ज्ञात हुआ था कि यह दो बड़े डॉक्टर अधिकारी अपनी पूरी मनमर्जी के साथ अस्पताल में तानाशाही रवैया अपना रहे हैं। वही जिस पर मिली जानकारी के अनुसार हमारी खबर का संज्ञान के बाद राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की प्राचार्या डॉक्टर गीता जैन ने बताया कि इस अस्पताल के कार्यरत डिप्टी एमएस डॉक्टर धनंजय डोभाल सर्जन ने अपने सारे पद छोड़ दिए हैं।

उन्होंने इस संबंध में दून अस्पताल  की प्राचार्य गीता जैन को लिखित रूप में एक पत्र दिया है, जिसमें उन्होने अपने सभी कर्यारत पद को छोड़ने की बात कही है। बता दे कि डॉ0 डोभाल के पास करीब 2 साल से डिप्टी एमएस रहते हुए साथ ही दून अस्पताल में आयुष्मान नोडल अधिकारी का चार्ज संभाले हुए थे। साथ ही वह सर्जरी करना भी कम कर दिया था। जिसको लेकर आज डॉ0 डोभाल मे अपने सभी पदो से मुक्त कर दिया गया। वही उनका कहना है कि उन्होंने इसके पीछे सर्जरी विभाग में क्लीनिकल कार्य प्रभावित होना जैसी वजह का हवाला दिया।

इस पर अब वह अस्पताल की OPD IPD और सर्जरी में अपना पूरा समय/ध्यान मरीजों के साथ देंगे। वहीं इसी के साथ दूसरे डॉक्टर अधिकारी को लेकर सूत्र बताते है कि दून अस्पताल के MS  डॉक्टर अनुराग अग्रवाल भी शायद अपने पद से तानाशाही के चलते कही हाथ न धौ बैठे। ऐसी चर्चाओ में आ रहा है। क्योंकि इनकी दोनों की जुगलबंदी ने दून अस्पताल में चर्चाओं का विषय बना हुआ था। जिस कारण अस्पताल के सभी स्टाफ कर्मचारियों में भी कुछ कार्यों को लेकर एवं उनके आदेशों को लेकर खुश नजर नहीं आ रहे थे।

यह दोनो अधिकारी अपनी पूरी मनमर्जी थोपने पर कोई कसर नही छोड़ रहे थे। जबकि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि डॉक्टर धनंजय डोभाल के कुछ शुभचिंतकों ने इनको बचाने की बड़ी पैरवी की गई थी। लेकिन हमारी खबर का पुख्ता से सटीक असर हुआ और इस जोडी में से  एक ने डॉक्टर अधिकारी यानी डिप्टी एमएस को अखिर अपने कार्य भार से हाथ धोना पड़ा। जिस कारण इन्होंने अपने आप ही हथियार डाल दिए। और मरीजों की सेवा के लिए अपना बयान जारी कर मामले को इतिश्री किया।

बता दे कि हमारी प्रकाशित खबर के अनुसार सूत्रो का कहना है कि  इस अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों की जोड़ी इनकी कार्यशाला पर कई स्वास्थ कर्मचारी व स्टाफ दबी जुबान में भी कहते हैं कि इनकी जोड़ी की मनमानी व तानाशाही देखने को मिल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी में इन दोनों चिकित्सा अधिकारियों को जो सही समझ में आता है, वही मिलजुल कर सलाह के साथ करते हैं।

और फिर इनकी सलाह किसी मरीज को या उसकी तीमारदार को या फिर चिकित्सा स्टाफ को अच्छी लगे या ना लगे यह अपनी मनमर्जी उस ही पर थोप देते हैं। यही नही इस अस्पताल में कुछ पत्रकार कर्मीयो के साथ भी भेदभाव किया जा रहा है। जो पत्रकार मान्यता प्राप्त है वह अपने व परिजनो के उपचार हेतु डॉक्टर द्वारा लिखे गए विभिन्न जांचे – Radiologist Tests including X-ray, CT Scan, MRI, Ultrasound आदि या फिर भर्ती प्रक्रिया हो, जिसमें वह मान्यता प्राप्त पत्रकार अपना कार्ड दिखा कर निशुल्क सुविधा कराने हेतु दून अस्पताल के एमएस या डिप्टी एमएस के पास जाता है तो वह पहले तो उस मिडिया कर्मी को टालमटोल या फिर अयुष्मान कार्ड की सुविधाएं का पाठ पढ़ा देते है।

जिस कारण अस्पताल के सभी स्टाफ कर्मचारियों में भी कुछ कुछ कार्यों को लेकर एवं उनके आदेशों को लेकर खुश नजर नहीं आ रहे थे जबकि सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि डॉक्टर धनंजय डोभाल के कुछ शुभचिंतकों ने इनको बढ़ाने की बड़ी पैरवी कई लेकिन हमारी खबर का पुख्ता से सटीक असर हुआ और इनको अपने कार्य भार से हाथ धोना पड़ा जिस कारण इन्होंने अपने आप ही हथियार डाल दिए और मरीजों की सेवा के लिए अपना बयान व कार्य करने को कहा गया

वही दूसरी ओर इस दौरान दून अस्पताल के एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने उनके पद छोड़ने की पुष्टि भी कर दी है। लेकिन सूत्रों से पता चला है कि यह दूसरे बड़े अधिकारी डॉक्टर भी शायद अपने पद से तानाशाही के चलते कही इसी तरह अपने पद स हटना पड़ सकता है। ऐसो सूत्र बताते है।  क्योंकि इनकी दोनों अधिकारियों की जुगलबंदी दून अस्पताल में चर्चाओं का विषय बना हुआ था।

वही इसी के साथ दून राजकीय मेडिकल कॉलेज का प्रभार, गीता जैन से नही सम्भल रहा है! क्योकि यह आए दिन कोई न कोई अस्पताल में बखेड़ा देखने को मिलता है। जिसमें न्यू ओटी इंमेरजेंसी में आए दिन मरीज व तिमारदार ईएमओ के साथ उलझते रहे है। साथ कई तरह की घटनाएं भी सुनने को मिलती है।

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