देहरादून/उत्तराखण्ड: 11 MARCH.. 2023, खबर… राजधानी से देहरादून में स्टार्ट सिटी के नगर निगम क्षेत्र में कई वार्डो में छोटे.बड़े नाले शहर के लिए नासूर बनने लगे हैं। जिसमें सड़क व मौहल्लो में नालों पर जिस तरह अतिक्रमण कर उनके प्रवाह क्षेत्र को मोड़ा गया हैं। साथ ही प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसी का एक जीता जागता उदाहण देहरादून के एसबीआई बैके के आगे नाले में गंदे पानी की निकासी के लिए बना नाला लंबे समय से चोक पड़ा है। नाले की सफाई नहीं होने से पूरा नाला गंदगी से अटा पड़ा है। इससे कई बार नाले की गंदगी सड़क पर बहने लगती है। सफाई नहीं होने से नाला स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत का सबब बना हुआ है। नाले की सफाई नहीं होने से पूरा नाला गंदगी से अटा पड़ा है। बारिश में नाले की गंदगी सड़क पर बहने लगती है।
स्थानीय लोगो ने कई बार संबंधित अधिकारियों व विभाग से शिकायत भी दर्ज की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। बावजूद इसके जिम्मेदार नाले की सफाई की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। साथ ही सड़क किनारे खड़े वाहन भी कई बार खुली नालियों में पलट जाते हैं। लगातार दुर्घटनाओं के खतरे के बावजूद नालियों के टॉप को ढका नहीं गया है। साथ स्थानीय लोगो का कहना है कि नगर निगम के सफाई कर्मी यहां सफाई कि तो रही दूर की बात इस ओर मुड़ कर भी नही देखते । इसको लेकर पब्लिक में भारी आक्रोश है।
वही लोगो का कहना है कि सफाई नहीं की जा रही है! वही जिसमें देहरादून में स्टार्ट सिटी बनाने के चक्कर में इस शहर को वोटबैंक की खातिर सरकार ने नगर निगम देहरादून दायरा 60 से बढ़कर 100 वार्ड हो गया। और इसके साथ मुसीबत भी बढ़ती चली जा रही है।
बता दे कि दून शहर की यहां वी आई पी रोड (कान्वेंट रोड) जिस पर कई स्कूल, भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के अलावा कई बड़े प्रतिष्ठान एवं अस्पताल स्थित हैं। इस मार्ग पर वी आई पी मूवमेंट भी रहता है। इस मार्ग के किनारे खुला नाला है, जिसमें मलयुक्त सीवर का पानी लगातार बहता रहता हैं । यह हर समय पूरे सड़क पर दुर्गंध रहती है, एसबीआई में आने जाने वाले लोगे एव स्कूली बच्चों के वाहन इसी मार्ग से मुंह पर मांस या कपड़ा लगा कर गुजरते हैं। वही इस नाले की गंदगी के कारण इस क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा बना रहता है।
वही अब गर्मीयों का मौसम प्रारंभ हो चुका है। जिसमें कई तरह की बिमारीयां पनप सकती है। इस पर स्थानीय लोगो का कहना है कि यह किसी भी जनप्रतिनिधि अथवा अधिकारी का इस ओर ध्यान नहीं जाता। जबकि यहां ध्यान देने योग्य है कि नगर निगम देहरादून का आफिस भी यहां से मात्र 400 मीटर पर है। जबकि विगत वर्षों से देहरादून शहर को शौचमुक्त भी घोषित किया जा चुका है।
देहरादून में भले ही स्मार्ट सिटी का काम चल रहा हो लेकिन शहर स्मार्ट सिटी नहीं बल्कि अभी डर्टी सिटी नजर आ रहा है। हर जगह सड़कें खुदी हुई हैं, जिससे आये रोज कई हादसे भी हुए हैं। स्मार्ट सिटी के अधूरे कामों से लोगों में भी खासा नाराजगी है। 5 साल से अधिक का समय बीत चुका है। लेकिन देहरादून शहर में स्मार्ट सिटी के काम धरातल पर दिखाई नहीं दे रहे है। गंदगी से बजबजाती नालियां लोगों को दर्द देती आई हैं।
हालत यह है कि दून नगर निगम की लापरवाही का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। दून शहर की गंदगी से पटी नालियां डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों के लिए खतरा बनी हुई है। जागरूक लोगों ने नालियों की सफाई को लेकर नगर निगम का मुंह ताकने के बजाय पब्लिक को श्रमदान की अपील की है।