देहरादून/उत्तराखण्ड: 16 MAY.. 2023, खबर… राजधानी से मंगलवार को देहरादून स्थित वही विगत 07 मई रविवार को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की मन की बात कार्यक्रम न सुनने वाले छात्रों से 100 रुपये और मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाने को लेकर देहरादून स्थित GRD अकेडमी, निरंजनपुर द्वारा देहरादून शिक्षा विभाग को गुमराह कर रहा है । नैशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) के अध्यक्ष आरिफ खान के अनुसार अभिभावक ग्रुप मे आये एक मैसेज का संज्ञान लेते हुए एक शिकायती पत्र मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून को लिखा था जिसमे निरंजनपुर स्थित GRD अकेडमी द्वारा रविवार को प्रधानमंत्री के कार्यक्रम मन की बात न सुनने या ऑफलाइन हो जाने की दशा मे छात्रों पर 100 रुपये लाने या मेडिकल जमा कराने के सम्बंध मे दिनांक 04/05/2023 को लिखा गया था ।
जिस पर शिक्षा विभाग की ओर से तुरंत कार्यवाई करते हुए GRD अकेडमी को तीन दिन के अंदर अपना पक्ष रखने का नोटिस जारी किया था और उचित जवाब न होने शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत स्कूल पर कार्यवाई करने के निर्देश जारी किए गए थे ।
वही विगत 04 मई को लिखे शिकायती पत्र का जवाब एनएपीएसआर को 15/05/2023 को शिक्षा विभाग द्वारा भेजा गया एक पत्र प्राप्त हुआ जबकि वो पत्र अपनी तय सीमा के अनुसार 08/05 2023 तक प्राप्त हो जाना चाहिए था जो कि एक 10 दिन लेट है । राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान के अनुसार इस पत्र के माध्यम से स्कूल द्वारा बताए गए कारणों से एसोसिएशन असन्तुष्ट है और शिक्षा विभाग को अवगत करवाना चाहती है । स्कूल द्वारा यदि छात्रों को अधिक से अधिक माननीय प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम के लिए प्रेरित करना था तो ये मैसेज स्कूल द्वारा कार्यक्रम से पूर्व मे दिया जाना चाहिए था ना कि कार्यक्रम के बाद ।
वही कार्यक्रम के बाद इस प्रकार के धन उगाही या मेडिकल सर्टिफिकेट वाले सन्देश स्कूल ग्रुप मे भेजे जाने से उनकी मंशा साफ प्रतीत होती है कि स्कूल इस कार्यक्रम की आड़ मे भी छात्रों से अवैध धन उगाही और उन्हे मेडीकल के नाम पर परेशान करके प्रधानमंत्री जी की छवि को धूमिल करना था चूंकि यह कार्यक्रम शिक्षा पर ही आधारित था ।
और यदि इस कार्यक्रम के सम्पूर्ण होने के बाद कार्यक्रम को नही सुनने पर स्कूल द्वारा आर्थिक दण्ड और मेडिकल सर्टिफिकेट की मांग करके इस “मन की बात” कार्यक्रम के प्रति अभिभावकों के ह्रदय मे खटास पैदा करना प्रतीत होता है । और स्कूल द्वारा यह गलत सूचना देना की ये मैसेज स्कूल की किसी एक शिक्षिका द्वारा व्यक्तिगत तौर पर भेजा गया था सरासर गुमराह करना है । जबकि यह मैसेज स्कूल द्वारा अन्य ग्रुप मे भी भेजे गए थे ।
इस दौरान एसोसिएशन आपको अवगत करवाना चाहती है कि छुट्टी की एप्लिकेशन के साथ छात्रों से इस स्कूल द्वारा 20/ रुपये भी लेने के आदेश स्कूल ने जारी किये हुए हैं जो कि न्यायसंगत नही है जिस पर एसोसिएशन को आपत्ति है क्योंकि जब एक अभिभावक अपने बच्चे की छुट्टी के लिए स्कूल को प्रार्थना पत्र दे रहा है तो इसे 20/ रुपये स्कूल को देने क्यूँ आवश्यक हैं ….? ।
वही इसी के साथ आपको स्कूल द्वारा छात्र ग्रुप मे भेजे गए सभी सन्देश इस आशय के साथ पुनः प्रेषित किये जा रहे हैं ताकि शिक्षा विभाग इन सभी साक्ष्यों के संज्ञान लेते हुए स्कूल के विरुद्ध शिक्षा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उचित कार्यवाई सुनिश्चित कर सके ।
इस दौरान एसोसिएशन द्वारा स्कूल द्वारा शिक्षा विभाग को भृमित करने व गुमराह करके माननीय प्रधानमंत्री जी की छवि को धूमिल करने के लिए कृपया स्कूल के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाई करने की कृपा करें ।