देहरादून/उत्तराखण्ड: 04 Oct.–2023: खबर…. राजधानी से बुद्धवार को सूबे के सबसे बड़े कहे जाने वाले राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल देहरादून में आज एक युवती की मौत को लेकर जमकर बवाल हुआ। दून अस्पताल में युवती के मौत पर कई घंटो हंगामा होता रहा वही परिजनो व जौनसार गांव के लोग इकट्ठा हो गए कहने लगे इलाज करते करते बेटी का मर्डर हुआ है। वही जिसमें राजकीय दून अस्पताल के हालात किसी से छुपे नहीं हैं। यहां आए दिन इस प्रकार के मामले सामने आते रहते हैं । जहां पर इलाज में लापरवाही के चलते लोगों की जान चली जाती है ।और फिर जांच के नाम पर मामले को ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है।
वही जिसमें जानकारी के मुताबिक जौनसार निवासी 17वर्ष की निशा युवती को अधिक बुखार के चलते उसे सहिया के अस्पताल देहरादून में भर्ती कराया गया था। वह युवती की हालत ओर खराब देख उसे देहरादून के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया था।
लेकिन निशा के परिजन इतने पैसे वाले नही थे जो उसे निजी अस्पताल ले जाते। इसके बाद युवती के परिजन 3 अक्टु0 की रात दून अस्पताल की न्यू ओटी बिल्डिंग की इमरजेंसी के ट्रामा वार्ड मंे डेंगू बुखार से पीडित भर्ती की गई थी। वही इस दौरान बताया गया है कि निशा डेंगू बुखार से पीड़ित होने पर उसकी प्लेटलेट्स काफी नीचे पहुंच गई थी। जिस पर इमरजेंसी में रात की डियूटी पर तैनात डॉक्टर व नर्सिग अधिकारी के द्वारा कोई इंजेक्शन लगाया गया। जिससे इंजेक्शन लगते ही युवती तड़पने लगी और कुछ ही देर में निशा ने दम तोड़ दिया। वही वार्ड में जब परिजनो ने हंगामा किया तो पूरा वार्ड भर्ती मरीजो से खाली करा दिया। कई तो यहां अस्पताल में लापरवाही के चलते युवती की मौत देख तीमारदार अपने मरीज को लेकर कही ओर चले गए।
उनका कहना है कि डॉक्टर ने लड़की का इलाज ठीक से नहीं किया. सही समय पर सही इलाज न मिलने से लड़की की मौत हुई है। वही परिजनों ने साथ ही अस्पताल पर कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वहीं दून हॉस्पिटल के स्वास्थ्य अधिकारी इस पूरे मामले की जांच करने की बात कर रहे हैं। वही इस दून अस्पताल में युवती मौत पर मॉ ने कहा बेटी का मर्डर हुआ, फिर डॉ0 क्यो हुआ फरार?
इस दौरान हमारे वरिष्ट संवाददाता ने दून अस्तपाल के एमएस डॉ0 अनुराग से इस मामले पर जानकारी फोन पर मांगी तो उनका कहना है कि हमने इस मामले पर 4 वरिष्ट डॉक्टरो की जांच कमेटी बना दी गई। उसके बाद कुछ कहा जा सकता है। वही दून अस्पताल में परिजनो के बवाल की सूचना मिलते ही शहर कोतवाली पुलिस फोर्स के साथ अस्पताल पहुंची और स्थिति को संभालने में जुट गई।
वही मौजूद पीड़िता के परिजन देख सन रहा गए और डॉक्टरो व नर्स की लापरवाही के कारण युवती की मौत हुई। इस दौरान सूत्रो ने बताया कि डॉक्टरो व नर्स द्वारा जो इंजेक्शन निशा को लगाया वह साथ ही दूसरे बेड पर भर्ती मरीज के लिए था। इस लापरवाही के कारण जो गलत इजेंक्शन लगने से निशा की मौत हुई। और फिर क्या था हंगामा तो होना ही था। इस मौके पर इमरजेंसी डियूटी पर तैनात डॉक्टर फरार हो गया। वही जिसमें परिजनों ने का आरोप है कि नर्स ने इंजेक्शन लगाया और तुरंत ही निशा की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी में रखवा दिया।
वही इस मौके पर शव को वार्ड में न देख परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर शव को गायब करने का अरोप लगाया। वहीं, युवती की मौत के बाद बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए और जमकर हंगामा किया। पीड़िता के परिजन का कहना है कि यह अगर इस मामले में लापरवाही हुई है तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि प्रदेश की राजधानी में मरीजों को ठीक से इलाज नहीं मिल रहा तो बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा।