देहरादून/उत्तराखण्ड: 24 JULY .. 2023, खबर… राजधानी से आज सोमवार को देहरादून/राजधानी में सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कालेज देहरादून में रेडियोलॉजिस्ट की कमी को लेकर आज कल खूब चर्चाओ में बना है। बता देकि पीछले कई वर्षो से दून मेडिकल कालेज में रेडियोलॉजिस्ट की स्थाई नियुक्ति ना होने से अस्पताल की छवी भी धूमिल हो रही है। यह एक ऐसा मात्र मेडिकल कालेज है जिसमें कोई रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ आने को तैयार नही हो रहा है। जिस कारण अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी कई वर्षो से बनी हुई है।
दून अस्पताल की ओपीडी में अल्ट्रासाउंड बार – बार क्यो ठप्प हो रहा हैं। आईये आपको बतातो है! वही जिसमें कहा जा रहा है कि दून मेडिकल कालेज अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का वेतनमान को लेकर सरकार से पूर्ण सहमती नही बनने व वेतन बढ़ाने के संबंध में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्थाई नही मिल पा रहा है। वही जिस कारण दून अस्पताल में इलाज कराने आ रहे मरीजो को परेशानी उठानी पड़ती है। यह पहाड़ों से भी लोग अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। वहीं, डॉक्टर पेट से जुड़े रोग के रोगियों को अल्ट्रासाउंड लिख देते हैं।
बता देकि दून अस्पताल में रोज आना करीब 3000 मरीज पंजीकृत किए जाते है और फिर ओपीडी में आते है। जिसमें कई गर्भवती महिलाएं एवं कई पेट व अन्य संबंधित बिमारीयों से पिड़ितो को ओपीडी के डॉक्टर द्वारा अल्ट्रासाउंड के लिए लिखते तो मरीज को मिलती तारीख पे तारीख या फिर सप्ताह में दो दिन बड़ी मुशकिल से अल्ट्रासाउंड का नंबर आता है। तब तक मरीज नीजि सेंटरो की ओर जाने को मजबूर हो जाता हैं। तो कही रेडियोलॉजिस्ट छुट्टी पर तो कोई छोड़ कर चला जाता है। बेचारा मरीज ही पीस जाता है।
दून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक(MS) नवनियुक्त डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने बताया कि रेडियोलॉजिस्ट की अगर बात करें, तो न सिर्फ दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमियां, बल्कि लगभग हर सरकारी अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की कमी है। क्योंकि जितनी महंगी पढ़ाई उनकी होती है, इतनी सैलरी उन्हें ऑफर नहीं हो पाती है।
इस दौरान राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल के नोडल अधिकारी/ डिप्टी एमएस डा.धनंजय डोभाल ने हमारे संवादाता को बताया कि इस अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के चार पद खाली हैं, कई बार साक्षात्कार के बाद भी रेडियोलाजिस्ट नहीं मिल रहे हैं। जिस पर ओपीडी में पीपीपी मोड पर अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था की गई है। दावा था कि यहां तीन रेडियोलाजिस्ट की तैनाती की जाएगी लेकिन एक ही तैनाती की गई। जिसमें एक महिला जो डा. अवंतिका रमोला प्रसूति अवकाश है। एक डॉक्टर ओपीडी में तैनात रेडियोलॉजिस्ट डा. एसपी कुड़ियाल मेडिकल छुटटी पर थे वह अब आ गए हैं। वे डॉक्टर साप्ताह में दो बार अल्ट्रासाउंड करेगें।
वही डॉ0 डोभाल की माने तो रेडियोलॉजिस्ट का वेतनमान कम होने से यह कोई डाक्टर आने को तैयार नहीं है। वही जिस कारण मरीजों को बिना अल्ट्रासाउंड के वापस भेजा जाता है तो कभी अगले दिन बुलाया जाता है। इस दौरान नोडल अधिकारी डॉ0 डोभाल का कहना है कि दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर बात चल रही है। जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट की सैलरी बढ़ाई जाएगी। इसके बाद ही अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट बढ़ पाएंगे। साथ ही नोडल अधिकारी/ डिप्टी एमएस डा.धनंजय डोभाल ने बताया कि कार्यादत संस्था को रेडियोलॉजिस्ट के संबंध में कहा गया है। अब देखना यह है उनका क्या जवाब मिलता जबकि अस्पतल द्वारा अनुबंध में सभी शर्तो को पूर्ण करने हेतु कहा गया है।
बता देकि दून अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुंविधा सुचारू ढंग से न मिलने पर सैकड़ो मरीज निजी सेंटरो में दोगुने से ज्यादा पैसा देने का मजबूर है। वही सूत्रो की माने तो दून अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट के ना आने की सबसे बड़ी वजह यह है कि रेडियोलॉजिस्ट को प्राईवेट अस्पताल में नौकरी करना ज्यादा फयदा मंद की नौकरी है जिसमें उन्हें मोटी रकम वेतन के रूप में मिली है। और क्यो सरकारी अस्पताल में कम वेतन पर कोई यह आएगा।
वही दुसरी ओर बता दे कि हाल ही में एक मरीज के साथ दून अस्पताल में एक महीला ने अपनी ब्रस्ट कैंसर की जांच कराई थी। जिसमें उनकी मैमोग्राफी की रिपोर्ट में कैंसर नही बताया गया जिसमें शह होने पर दुबारा इसकी जांच की गई तो कैंसर की पुष्टि हुई। वही जिस पर इस हाई टेक अस्पताल की अधुनिक नवनियुक्त सुविधा पर दाग लगा कई शक पैदा करता है। वही इस पर अस्पताल के नोडल अधिकरी डॉ0 डोभाल ने कहा कि दून अस्पताल में मैमोग्राफी की रिपोर्ट में कैंसर का शक था ।
वही जब जांच रिपोर्ट सामान्य आई तो और फिर एफनेसी जांच कराई गई। इसमें गांठ की सेल्स को सुई से निकाला जाता है। इसके बाद जांच में पता चलता है कि कैंसर है या नहीं। अगर कैंसर है तो स्थिति क्या है। यह पैथोलॉजिकल टेस्ट है।आपको बता दें कि इसी माह 13 जुलाई 2023, को दून अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में कैथ लैब का उद्घाटन के साथ मैमोग्राफी मशीन का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री स्वस्थ द्वारा एवं राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा किया गया था ।
वही जिसमें अब तक यह करीब 50 मैमोग्राफी की जांच हो चुकी है । वहीं इस दौरान डॉ. डोभाल का कहना है कि इस मशीन में कोई खराबी नहीं है, क्योंकि यह मशीन अभी बिल्कुल नई है और इसमें रिपोर्ट ही गलत आ रही है इसकी तकनीकी की जांच भी कराई जाएगी। साथ ही डॉ0 डोभाल ने बताया कि कार्यादत संस्था को रेडियोलॉजिस्ट के संबंध में कहा गया है। अब देखना यह है उनका क्या जवाब मिलता जबकि अस्पतल द्वारा अनुबंध में सभी शर्तो को पूर्ण करने हेतु कहा गया है।