’गोर्खा दशैं-दीपावली सांस्कृतिक महोत्सव-2024’ में धामी ने  कही बड़ी महत्वपूर्ण बात!

इतिहास गौरवशाली संस्कृति, समृद्ध परंपराओं और अदम्य वीरता का प्रतीक है।

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उत्तराखण्डः 19 अक्टूबर 2024, शनिवार को देहरादून / राजधानी स्थित  गढ़ीकैंट, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  वीर गोर्खा कल्याण समिति दूधली, द्वारा आयोजित ’गोर्खा दशैं-दीपावली सांस्कृतिक महोत्सव-2024’ में प्रतिभाग किया। वही इस मौके  पर नेपाल के राजदूत डॉ. सुरेंद्र थापा, विधायक  विनोद चमोली, ले. जनरल राम सिंह प्रधान,  चंद्रवीर गायत्री,  कमल थापा,  विशाल थापा,  सूर्य विक्रम शाही एंव अन्य लोग मौजूद रहे।

इस अवसर पर  मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखा समाज का इतिहास गौरवशाली संस्कृति, समृद्ध परंपराओं और अदम्य वीरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा दशैं पर्व, माँ दुर्गा की उपासना और उनके नौ दिव्य रूपों की आराधना को समर्पित है। यह पर्व हमें सच्चाई और न्याय के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। सत्य, धर्म और नैतिकता के मार्ग पर चलने से बुराई पर सदैव अच्छाई की विजय होती है। उन्होंने कहा दशैं पर्व हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसके माध्यम से हम अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और सामाजिक मूल्यों को नई पीढ़ी तक पहुंचाते हैं।

वही सीएम  ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे अनेकों क्षेत्रों में गोरखा समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भी निरंतर कार्य कर रही है। राज्य सरकार गोरखा समाज की सांस्कृतिक धरोहरों को भी बढ़ावा देने लिए विशेष प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा संस्कृति विभाग में  गोर्खा दशैं-दीपावली सांस्कृतिक महोत्सव को भी शामिल कर, हर संभव अनुदान की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा गोरखा समाज की सांस्कृतिक परंपराओं और धरोहरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार कार्य करते रहेगी।

उन्होने  कहा कि आधुनिक भारतीय संस्कृति में गोरखा समाज की अहम भूमिका है। यह सांस्कृतिक घनिष्ठता दिखाता है कि हमारी जड़ें और मूल एक ही हैं। गोरखा समाज का मातृभूमि की रक्षा में महत्त्वपूर्ण योगदान है। गोरखा समाज ने सदियों से देश की सीमाओं की रक्षा की है। उन्होंने कहा अमर वीर मेजर दुर्गा मल्ल जी, परमवीर चक्र से सम्मानित धन सिंह थापा जी और प्रथम अशोक चक्र विजेता श्री नर बहादुर थापा जी के अद्वितीय शौर्य को कभी नहीं भुलाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1962, कारगिल युद्ध जैसे अनेकों युद्ध में भी गोरखा रेजिमेंट के हमारे जवानों ने हर मोर्चे पर अपनी बहादुरी का परिचय दिया। हमारे जवान देश की सीमाओं की सुरक्षा के साथ ही अपने कर्तव्यों का हमेशा पालन किया है। गोरखा समाज सीमाओं की रक्षा के साथ राज्य के विकास में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है।

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