उत्तराखंड: 10 मई 2024, देहरादून में 8 मई विश्व थैलेसीमिया दिवस देहरादून के जिला कोरोनेशन अस्पताल में राष्ट्रीय बाल स्वस्थ कार्यक्रम DEIC टीम के द्वारा आयोजित किया गया।
इस दौरान थैलेसीमिया रोग से संबंधित विशेष जानकारी स्वास्थ्य हेतु DEIC टीम के डॉक्टर हर्ष वर्धन खुराना( पैथोलॉजिस्ट), श्रीमती सुषमा मल्होत्रा फील्ड अफसर, एवं अनूप बिष्ट द्वारा थैलेसीमिया रोग के बारे में जीआईसी विद्यालय बड़ोवाला देहरादून में बच्चों को जानकारी देते हुए बताया कि थैलेसीमिया बीमारी के कारण व पहचान कैसे की जाती है।
इस दौरान जीआईसी विद्यालय कक्षा 9 के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं की हिमोग्लोबिन जांच व थैलेसीमिया की स्क्रीन जांच की गई।
इस अवसर पर थैलेसीमिया दिवस पर डॉक्टर हर्षवर्धन खुराना ने बताया कि यहां एक अनुवांशिक बीमारी है, जिसमें माता-पिता के जींस द्वारा बच्चों में पहुंचता है। जिसका बचाव ही उपाय है। थैलेसीमिया संवाहक व्यक्ति यदि विवाह पूर्ण जानकारी हो तो किसी दूसरे संवाहक व्यक्ति से विवाह ना कर यादि किसी समान्य व्यक्ति से करें, इस रोग से पीड़ित बच्चे पैदा होने से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नवजात शिशुओं में थैलेसीमिया होने के खतरे को कम करने का यही उपाय है।
डाक्टर खुराना ने बताया कि थैलेसीमिया (Thalassemia) खून से जुड़ी एक अनुवांशिक बीमारी है जो माता-पिता से बच्चों तक पहुंचती है। इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर में कम मात्रा में हीमोग्लोबिन बनने लगता है। ऐसे में दुनिया भर के लोगों में इस गंभीर बीमारी को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 8 मई के दिन को विश्व थैलेसीमिया दिवस (World Thalassemia Day) के रूप में मनाया जाता है।
इसी के साथ थैलेसीमिया दिवस पर DEIC टीम द्वारा बच्चों को फल वितरण भी किया गया। आज इस थैलेसीमिया दिवस के अवसर पर 102 बच्चों का जांच परीक्षण भी किया गया।
बता दें कि विश्व थैलेसीमिया दिवस एक वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम है जो हर साल 8 मई को स्थानीय जनता और नीति निर्माताओं के बीच स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के अलावा, इस घातक बीमारी से वर्षों से जूझ रहे पीड़ितों के मनोबल को समर्थन और मजबूत करने के लिए मनाया जाता है।
इस अवसर पर जीआईसी, बड़ोवाला (जौली) देहरादून विद्यालय के प्रधानाचार्य शैलेंद्र सिंह हिंदवाल, बृजपाल सिंह वर्मा, साथ ही जांच विज्ञान के प्रवक्ता अर्जुन सिंह पंवार शामिल हुए।