गांव, गरीब, किसान को समर्पित बजट’

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट की तारीफ करते हुए कहा कि यह गांव, गरीब और किसानों को समर्पित है। उन्होंने बजट के बाद अपने संबोधन में कहा कि देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने वाले इस महत्वपूर्ण बजट के लिए मैं सभी देशवासियों को बधाई देता हूं। वित्त मंत्री निर्माला सितारमण व उनकी पूरी टीम बहुत-बहुत बधाई की पात्र है। उन्होंने कहा कि ये बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला है। ये देश के गांव, गरीब, किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है।मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। ये जो नव मध्यम वर्ग बना है, ये बजट उनके सशक्तिकरण की निरंतरता का बजट है। ये नौजवानों को अनगिनत नए अवसर देने वाला बजट है। उन्होंने कहा कि यह दूरदर्शी बजट हमारे समाज के हर वर्ग का उत्थान और सशक्तिकरण करेगा, जिससे सभी के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आये हैं। यह बजट नये मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण के लिए है। इस बजट से युवाओं को असीमित अवसर मिलेंगे। इस बजट से शिक्षा और कौशल को नया पैमाना मिलेगा। यह बजट नए मध्यम वर्ग को ताकत देगा…इस बजट से महिलाओं, छोटे कारोबारियों, एमएसएमई को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस बजट से शिक्षा और स्किल को नई स्केल मिलेगी। ये मीडिल क्लास को नई ताकत देने वाला बजट है। ये जनजातीय समाज, दलितों और पिछड़ों को सशक्त करने की मजबूत योजनाओं के साथ आया है। इस बजट से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बजट से छोटे व्यापारियों, MSMES को प्रगति का नया रास्ता मिलेगा। बजट में मैन्युफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत फोकस है। इससे आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार ने ‘रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना’ की घोषणा की है। इससे रोजगार के कई अवसर पैदा करने में मदद मिलेगी। इस योजना के तहत, सरकार उन लोगों को पहला वेतन देगी जो कार्यबल में नए प्रवेश कर रहे हैं। अप्रेंटिसशिप प्रोग्राम के तहत गांवों के युवा देश की शीर्ष कंपनियों में काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि हमें हर शहर, हर गांव, हर घर entrepreneur बनाना है। इसी उद्देश्य से बिना गारंटी के मुद्रा लोन की लिमिट को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है। इससे छोटे कारोबारियों, विशेष रूप से महिलाओं, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों में स्वरोजगार को बल मिलेगा।

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