दून मेडिकल कालेज/सरकारी अस्पताल की उदासीनता का फायदा दलालो को?

देहरादून/उत्तराखण्ड: 29 SEP.–2023: खबर…. राजधानी से शुक्रवार को देहरादून स्थित डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका जिला देहरादून है। उत्तराखंड में डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। डेंगू के मच्छर का कहर बरपा ही लेकिन अब पहाड़ भी डेंगू से अछूते नहीं रहे। एडीज मच्छर के लिए इस समय प्रदेश का मौसम अनुकूल बना हुआ है, जिसके चलते डेंगू के मरीज भी बढ़ रहे हैं।  वहीं स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और जिला प्रशासन के अधिकारी डेंगू को नियंत्रित करने को हर संभव कदम उठाने का दावा कर रहे हैं। उसके बावजूद प्रतिदिन डेंगू के मरीजों में वृद्धि हो रही है।

वही इस दौरान डेंगू व टाइफाइड के मरीजो से सरकारी अस्पतालो के वार्डो में भर्ती मरीज भरे पड़े है। और दून अस्पताल एवं जिला अस्पताल कोरानेशन देहरादून में बेडो पर मरीज फुल है। साथ ही इन अस्पतालो की ओपीडी में मरीजो की भीड़ इतनी बढ गई है कि लम्बी लाईनो में घंटो खड़े मरीज चक्कर आ कर गिर भी रहे है। वही इसका फायदा देहरादून जिले के निजी अस्पताल वाले ले रहे है। सूत्रो की माने तो कुछ निजी अस्पताल वालो अपने दलाल सक्रिय करे मरीजो को घेर का लाने के लिए सरकारी अस्पताल में भेज रहे है।

मिली ताजा जानकारी के अनुसार राज्य के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में से आए दिन दलालों द्वारा लूट और जालसाजी की घटना सुनने को मिलती है। वही सरकारी अस्पतालो में दलाल मरीज व उनके परिजनों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे पैसे ऐंठने के साथ निजी हैल्थ सेंटरो पर भी भेजने का काम करते है। साथ दलाल मरीज के तीमारदारो से कभी बगैर डोनर के खून दिला देने की बात कह कर उन्हें अपने बताए स्वास्थ्य केंद्र में भेज देते है। तो कभी अच्छे डॉक्टर से भी दिखा देने बात बता कर उन्हंे दून अस्पताल की कमीयां गिना कर बहार के अस्पताल का रास्ता दिखा दिया जाता है।

साथ ही राजकीय दून मेडिकल कालेज अस्पताल में जल्द ही जांचो रिपोर्ट दिला देने की बात कहकर दलाल दूरदराज से आए मरीजों को अपने झांसे में ले कर उनके साथ धोखे में रख कर बेवकूफ बनाते है। वही जब हमारे वरिष्ट संवाददाता ने दून मेडिकल अस्पताल में आने वालों को सावधान करने के लिए दून अस्पताल एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल से बात की तो वही संज्ञान लेते हुए सख्त कदम उठने हेतु निर्देश भी दिए है। जबकि अब भी अस्पताल में दलालों की सक्रियता वैसी ही बनी हुई है।

इस दौरान दलाल मरीजों को अपने चंगुल में फंसाने के लिए दून अस्पताल की ओपीडी में एक ओपीडी का पर्चा बना कर घूमते रहते हैं। वही ओपीडी के बहार बैठे मरीजो के साथ बातो ही बातो में भोले.भाले मरीजों को अपने झांसे में लेकर दलाल दो हजार से पांच हजार तक की लूट कर रहे हैं। यही नही दून अस्पताल की ओपीडी में बाकायदा डॉक्टरो पास बैठकर मरीज को ताड़ लेते है और बहार जाकर मरीजो को अच्छी व सस्ती चिकित्सा सुविधाएं का लालच दे कर निजी अस्पतालो में भेज रहे है। मिली जानकारी में सरकारी अस्पतालो में अधिकम दलाल को निजी अस्पतालो के द्वारा ही भेजे जाते है।

वही इस दून अस्पताल में मौजूद हमारे वरिष्ट संवाददाता ने एक दलाल को अपने कैमरे में भी रंगे हाथो कैद किया है। यही नही इस दून अस्पताल के बहार केमिस्टो की दूकानो पर काम करने वाले वर्ककरो को मरीजो से ओपीडी पर्चा किसी बहाने से पकड़ कर उसमें डॉक्टर द्वारा लिखी दवा पढ़ लेते है और मरीज को कहते यहा अच्छी व 25प्रतिशत की छुट दवा देगें और आप जल्द ठीक हो जाओगें हमारी दवा से। सरकारी अस्पताल व जन औषधी की दवा में जान यानी असर कम होती है।  लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन सबका संज्ञान दून अस्पताल के अधिकारी एवं प्रशासन एवं अन्य कर्मीयों सब जानकारी होते हुए भी यह दलाल सक्रिय क्यों रहते हैं जरा सोचिए।

वही दुसरी ओर जनपद देहरादून के  निगम, स्वास्थ्य विभाग का सहयोग न करने और लापरवाही बरतने वाले प्रतिष्ठानों तथा मकान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही इन्हें सख्त चेतावनी देकर कहीं भी पानी जमा न होने देने की हिदायत दी गई। इस दौरान  घरों में डेंगू मच्छर का लार्वा पाए जाने पर चालान किया गया।

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