उत्तरकाशी /उत्तराखण्ड: 13 Nov.–2023: खबर…. उत्तरकाशी जनपद के ब्रह्मखाल बड़कोट के बीच सिलक्यारा पोलगांव (जंगल चट्टी) में निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा टूटने से अंदर 40 श्रमिकों के फंसे होने की खबर हैI बता दे कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को 24 घंटे से अधिक का समय हो गया है। सुरंग में 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रात भर रेस्क्यू अभियान चला। फंसे श्रमिकों से वॉकी टॉकी के जरिये संपर्क जुड़ा है। श्रमिकों ने बताया कि वह सुरक्षित हैं तथा भोजन की मांग की है। मौके पर एसडीआरएफ टीम बचाव कार्य में जुटी है। अन्दर फंसे लोगों को रेस्क्यू करने को लेकर एसडीआरएफ समेत स्थानीय प्रशासन मौजूद हैI वहीं रेस्क्यू करने के लिए टीएचडीसी से भी सहयोग लिया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री धामी लगातार घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैंI
इसी के साथ सीएम धामी इस घटना की लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैंI उन्होंने अपने संदेश में कहा कि उत्तरकाशी में सिलक्यारा डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल के एक हिस्से के टूटने का समाचार प्राप्त हुआ है। सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकालने हेतु एसडीआरएफ़, एनडीआरएफ़ एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन की टीमों द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, इस विषय में जिलाधिकारी से बात कर रेस्क्यू मिशन को तेज करने का निर्देश दिया है। स्वयं भी रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। ईश्वर से टनल में फँसे सभी कर्मचारियों के सकुशल बाहर निकलने की कामना करता हूं।
वहीं जिसमें यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के अंदर काम कर रहे 36 श्रमिकों की जान को ख़तरा बना हुआ हैI स्थानीय प्रशासन समेत एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद हैI रेस्क्यू आपरेशन जारी हैI जानकारी के मुताबिक अंदर ऑक्सीजन की कमी होने के कारण उनकी जान भी जा सकती हैI फिलहाल ऑक्सीजन के लिए पाइप डालने का कार्य किया जा रहा है। रेस्क्यू करने को लेकर टीएचडीसी से भी सहयोग लिया जा रहा है।
इसके अतिरिक्त अंदर फंसे श्रमिकों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि सबसे पहले प्राथमिकता सुरंग के अंदर ऑक्सीजन सुचारू करने की है। श्रमिकों को रेस्क्यू कर बाहर निकालने में दो दिन से अधिक का समय भी लग सकता है। यह भी बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपरी तरफ से आ जा रहा है। आपदा प्रबंधन सचिव डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि हेलीकाप्टर समेत अन्य व्यवस्था भी कर ली गई है। चिन्यालीसौड़ स्थित हैलीपैड को भी एक्टिव किया गया है। वहीं अन्य बचाव इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है।