देहरादून/उत्तराखण्ड:12-FEB.. 2023, खबर… राजधानी से रविवार को सूत्रो के हवाले से मिली ताजा जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने रविवार को 13 राज्यों में गवर्नर और उप-राज्यपाल बदले हैं। वही महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी शिवाजी पर बयान देकर विवादों में आने के बाद चर्चा में थें, जिसकी वजह से महाराष्ट्र राज्यपाल कोश्यारी का इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। वही इस दौरान महाराष्ट्र राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस्तीफे के बाद पुणे में मराठा क्रांति मोर्चा (MKM) ने जश्न मनाया।इस मौके पर MKM के कार्यकर्ता पटाखे फोड़कर और चीनी बांटकर राज्यपाल के इस्तीफे का जश्न मनाते दिखे।
साथ ही अब झारखंड के गवर्नर रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाया गया है। वही इसी के साथ बैस की जगह झारखंड के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सीपी राधाकृष्णन को दी गई है।
सूत्रो के मुताबिक बता दें कि मराठा सम्राट शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र की अन्य महान हस्तियों पर की गई विवादी टिप्पणी को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए भगतसिंह कोश्यारी को आखिरकार इस्तीफा देना पड़ा है। उनकी इन टिप्पणियों को लेकर विपक्ष लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था। उनके खिलाफ महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन भी देखने को मिले थे।
सूत्रो के मुताबिक छत्रपति शिवाजी महाराज पर दिए गए बयान को लेकर विवादों में रहने वाले महाराष्ट्र के पूर्व गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने गृहमंत्री अमित शाह को 6 दिसंबर को चिट्ठी लिखकर मार्गदर्शन मांगा था। उन्होंने गृहमंत्री से पूछा था- उन्हें इस पद पर बने रहना है या नहीं।
इस दौरान कोश्यारी ने 19 नवंबर को औरंगाबाद में एक यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शिवाजी को पुराने दिनों का आइकॉन कहा था। कोश्यारी के साथ इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नितिन गडकरी और NCP प्रमुख शरद पवार भी मौजूद थे।
आपको बता दे कि उत्तराखंड के कुमाऊं में जन्मे कोश्यारी 2004 से 2007 तक राज्य के भाजपा अध्यक्ष थे। 2000 में उन्हें नए राज्य उत्तरांचल में मंत्री बनाया गया। 2001 में वे मुख्यमंत्री बने। 2002 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। उत्तराखंड के बागेश्वर के रहने वाले भगत सिंह कोश्यारी ने अल्मोड़ा यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय हो गये थे ,
और इसके बाद वे RSS से जुड़ गए. आरएसएस में रहते उन्होंने इमरजेंसी के खिलाफ आंदोलनों में हिस्सा लिया और जेल भी गये और उनके असली राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1997 में हुई जब वो पहली बार विधायक बने। साल 2000 में यूपी के उत्तराखंड से अलग होने के बाद वह उत्तराखंड के ऊर्जा मंत्री भी रहे और 2001 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भी रहे। 2008 में कोश्यारी को उत्तराखंड से राज्यसभा भेजा गया और इसके बाद उन्हें 2019 में महाराष्ट्र का राज्यपाल बनाया गया था। उत्तराखंड के 81 वर्षीय भगत सिंह कोश्यारी का राजनैतिक जीवन लगभग-लगभग खत्म माना जा रहा है।