देहरादून/उत्तराखण्ड: 11 Nov.–2023: देहरादून स्थित मातृभूमि उत्तराखंड समूह द्वारा ओएनजीसी देहरादून के कम्युनिटी सेंटर में उत्तराखंड राज्य 23वें स्थापना दिवस पर भव्य समारोह का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया । वही इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अनिल रतूड़ी, (पूर्व पुलिस महानिदेशक) उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती राधा रतूड़ी,(अवर सचिव) उत्तराखंड, डॉक्टर. बसंती बिष्ट जी ( पद्मश्री, लोक जागर कथा गायक, डॉक्टर माधुरी बर्थवाल जी (,पद्मश्री, प्रसिद्ध हिंदुस्तानी एवं लोक गायक), उत्तराखंड की स्वरांजली कही जाने वाली उप्रेती सिस्टर्स,राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती ने अपनी उपस्थिति से इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
वही इस अवसर पर उत्तराखंड राज्य के शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि के साथ शुरू इस कार्यक्रम में मातृभूमि उत्तराखंड समूह के उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए मातृभूमि उत्तराखंड के कार्यकारी संयोजक जय प्रकाश पांडेय,(वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी) ने स्वागत वक्तव्य रखा। उन्होंने वर्ष 2025 तक उत्तराखंड राज्य के 25 वर्ष पूरे होने तक देहरादून में अन्य केंद्रीय संस्थानों में कार्यरत उत्तराखण्डियों को भी इस वैचारिक,सामाजिक,सांस्कृतिक समूह से जोड़ने की प्रतिबद्धता जाहिर की ।
इस मौके पर मुख्य अतिथि का स्वागत असीम कुमार सिन्हा,मुख्य महाप्रबंधक,ओएनजीसी,द्वारा पारंपरिक रूप से माला पहनाकर एवं एपन प्रदान कर किया गया। इसी के साथ ही अनिल रतूड़ी, ने अपने वक्तव्य में मातृभूमि उत्तराखंड के विजन को समर्थन देते हुए आगे भी मातृभूमि उत्तराखंड के अनवरत कार्य करने की उम्मीद प्रकट की ।
उन्होंने उत्तराखंड के सृजन के बाद की परिस्थितियों पर व्यापक चित्र उकेरे । राज्य आंदोलन के आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने उत्तराखंड गठन के बाद आई चुनौतियों पर चर्चा की और उत्तराखंड में आए बदलावों पर अपना वक्तव्य सामने रखा। । कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि श्रीमती राधा रतूड़ी,(अवर सचिव, उत्तराखंड) ने उत्तराखंड के सभी लोगों से अपने मांगलिक कार्यक्रमों में पारंपरिक मंगल गीत गाने और विभिन्न कार्यक्रमों में उत्तराखंडी व्यंजनों, के अधिकाधिक प्रयोग करने का निवेदन किया । उन्होंने उत्तराखंड के चर्चित मिलेट्स को प्रोत्साहित करने का भी निवेदन सभी उत्तराखण्डियों से किया।
वही इस दौरान पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त डॉक्टर माधुरी बर्थवाल जी एवं डॉक्टर बसंती बिष्ट की लाइव प्रस्तुतियों ने देर रात तक समां बांधे रखा। उप्रेती सिस्टर्स ने अपनी मनमोहक आवाज से सबको उत्तराखंडी होने का एहसास गीतों के माध्यम से कराया। इसके बाद राज्य आंदोलनकारी क्रांति कुकरेती ने उत्तराखंड की दशा और दिशा पर विचार प्रकट किए । इस अवसर पर सांस्कृतिक दलों द्वारा प्रमुखतः नंदा राजजात यात्रा की झांकी, गढ़वाली सांस्कृतिक कार्यक्रम,जौनसारी नृत्य तथा अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए । कार्यक्रम में गंगा मेरे हिमालय की नाटक के मंचन द्वारा पर्यावरण प्रदूषण के विविध आयामों को दिखाया गया।
वही इस कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती अर्चना बिष्ट तथा श्रीमती विमला द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विक्रम बिष्ट , संजय चंदोला, मनमोहन नेगी, श्रीमती मीनाक्षी शर्मा, श्रीमती संगीता कोठारी, विनोद नौटियाल, श्रीमती अर्चना बिष्ट, जय प्रकाश पांडेय , तथा समस्त मातृभूमि उत्तराखंड के सदस्यों का अविस्मरणीय योगदान रहा । देर रात तक चले इस कार्यक्रम में लगभग 200 परिवारों के 300 से अधिक उत्तराखंड समाज के ओएनजीसीयंस ने प्रतिभाग किया।