देहरादून/उत्तराखण्ड: 12 AUGUST .. 2023, खबर… राजधानी से शनिवार को देहरादून स्थित मिली ताजा जानकारी के अनुसार सूबे के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल,देहरादून में एमएस (MS) प्रोफेसर/डॉ0 अनुराग अग्रवाल के द्वारा 5वें तल में सभागार में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें उन्होंने दून मेडिकल कालेज अस्पताल के (HOD) एचओडी एवं (J.R.) जे.आर. एवं स्वास्थ्य कमीयो की विभिन्न समस्याओ के समाधान हेतु विचार विमार्श किया गया। वही इस दौरान डॉ0 अग्रवाल ने अपने दिशा निर्देश में कहा कि नई ओटी बिल्डिंग में इमरजेंसी में जे.आर और इंटर्न को मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं।
वहीें राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के (MS) एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने इस बैठक में सभी ओपीडी विभाग के एचओडी व डॉक्टर और कंसलटेंट मौजूद थे। वही जिसमें बैठक के दौरान एमएस के समुख स्वास्थ्यकर्मीयो व डॉक्टरो ने अपने अपने विचार एवं विभागों की समस्याओं को अवगत कराया। इस दौरान (MS) प्रोफेसर/डॉ0 अनुराग ने कहा कि सभी विभागों के एचओडी को इस बात पर ध्यान दें कि जिस डॉक्टर की ड्यूटी इमरजेंसी में लगी हो वह उस समय मौके पर मौजूद रहे।
वही इसी के साथ डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि इमरजेंसी एवं ट्रामा वार्ड में स्टाफ एवं वार्ड बॉय भी बढ़ाएं जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्टेशन पर स्त्रीरोग विशेषज्ञा एवं अर्थोंपेटिक, बाल रोग विभाग साथ ही मेडिसिन और सर्जरी के ही (J.R.) जे.आर और इंटर्न ही मौजूद रहेंगे। इस मौके पर डॉ0 अग्रवाल ने बैठक में सभी (HOD) एचओडी एवं (J.R.) एवं उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों से कहा गया कि जिसकी जहां ड्यूटी लगी है वह अपनी ड्यूटी पर समय अनुसार उपस्थित रहे। ऐसा न करने पर की विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।
वही इसी के साथ उन्होंने कहा की अस्पताल में किसी भी कार्य में किसी किसम की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम सब की प्राथमिकता /जिम्मेदारी बनती है कि इस अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को संतुष्ट करने की है। साथ ही एमएस डॉक्टर अनुराग ने दून अस्पताल के सभी कर्मियों की समस्याओं को सुना और उन्हें नोट किया। वही उन्होने ने कहा बैठक में अवगत की गई विभागो एवं स्वास्थ्य कर्मीयों की समस्याओं को समाधान हेतु जल्द विचार विमर्श कर हल किया जाएगा।
बता दे कि दून अस्पताल को मेडिकल कालेज बनने के बाद यहा मेडिकल की पढ़ाई के दौरान एमबीबीएस की डिग्री वाले जेआर के कई शिकायते अक्सर मरीज व उनके तिमारदार करते दिखाई देते है। जिसमें पता चला है कि ओपीडी में बैठे कुछ एमबीबीएस के छात्र (J.R.) जे.आर. न मरीजो व उनके तिमारदारो के साथ व्यवहार ठीक नही रहता और नही ही स्पष्ट कोई बिमारी व दवाईयां बताते है। अगर आप 15 मिनट के लिए किसी भी (OPD) ओपीडी से इधर उधर हुए तो (J.R.) जे.आर.कोई नया दिखाई देगा फिर उसे दुबारा से मरीज को अपनी हिस्ट्री बतानी पड़ती हैं। वही विभागीय (HOD) किसी अलग कक्ष में छुपा बैठा होता तो किसी का दिन वार होता है। वही जिसमें मरीज व उसके तिमारदार ही परेशान होते है। जरा सोचिए मेडिकल कालेज बनने से मरीज विरान सा हो जाता है।