देहरादून/उत्तराखण्ड: 29-JAN.. 2023, खबर…. राजधानी से रविवार को आज उत्तराखंड में भारी बर्फबारी से पहाड़ों पर सफेद चादर बिछी नजर आई. ये आइस हॉकी के दीवानों के लिए स्वर्ग है. दूर-दूर से सैलानी यहां घूमने पहुंच रहे हैं। पर्यटक अकसर यहां मौसम का मजा लेने के लिए लोग कैपों में रहते हैं। ऐसे में अचानक हुई बर्फबारी से सैलानियों के कैंपों पर भी सफेदी छा गई। वहीं मौसम विभाग की भविष्यवाणी के बाद पर्यटक इन हिल स्टेशनों पर पहुंचने लगे हैं। रविवार सुबह कुछ देर जब बादल हटे तो देहरादून से बर्फ से ढकी वादियों का नजारा साफ दिखा, चकराता, मसूरी, धनोल्टी, औली सहित लगभग सभी ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हुई है। वही केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री में भी बर्फबारी हुई है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बर्फबारी और बारिश से जिले के सभी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ठंड के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया। बारिश और बर्फ से चंबा-धनोल्टी मार्ग यातायात के लिए बाधित रहा ! जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। धनोल्टी,, कद्दूखाल, सेम मुखेम, प्रतापनगर, गंगी गांव में भी जमकर बर्फबारी हुई है। बर्फ का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक धनोल्टी पहुंचे।
बता दे कि उत्तर भारत के कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड ले पहाड़ों पर झमाझम बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी के बाद खूबसूरत नजारा देखने को मिल रहा है और ये खूबसूरत नजारा देख पर्यटकों के चेहरे खिल गए हैं। वही आज रविवार को दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटक इन हिल स्टेशन पर बर्फबारी का मजा ले रहे है। आज वर्षा होने से शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिससे आम जनजीवन भी प्रभावित हो गया है।
वही गंगोत्री धाम इन दिनों शीतकाल के लिए बंद है। यहां गंगोत्री, यमुनोत्री और औली में बीती रात जबरदस्त बर्फबारी हुई है! वही इस मौके पर यहां मां गंगा के मंदिर परिसर सफेदी से नहाया नजर आया। उत्तराखंड में ताजा बर्फबारी से पहाड़ चांदी की तरह चमकने लगे हैं। बात करें औली की तो यहां इतनी बर्फ गिरी की रास्ते और मैदान सब ढक गए. औली, जोशीमठ से 14 किलोमीटर ऊपर ऊंचाई वाला एक हिल स्टेशन है।
बात दे कि इस वर्ष जनवरी 2023 से बारिश और बर्फबारी के अभाव में स्थानीय बाशिंदे काफी दिक्कत महसूस कर रहे थे। इसके साथ ही प्रदेशवासी एवं पर्यटक वह मौसम में बदलाव का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। वही जिसमें आज जनवरी के अखिर दो दिन पहले ही पहाड़ो में भारी बारिश व बर्फबारी से सभी के चेहरे खिल उठे।
इस दौरान उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के कारण मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ने लगी है. आगे मैदानी इलाकों में और भी ठंड बढ़ने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले चार दिनों में मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है! यहां कुछ जगहों पर पारा शून्य के नीचे जा चुका है। जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ी हैं। बता दें कि इस बार उत्तराखंड में बारिश के सीजन के बाद बरसात नहीं के बराबर हुई है। वही राज्य में बारिश नहीं होने से जहां सूखा पड़ने के आसार नजर आ रहे। वहीं उत्तराखण्ड व आस पास के जंगलों में आग लगने का खतरा भी बढ़ गयाथा। इसी के साथ ही दिन के तापमान में हो रहे इजाफे से बीते सालों का रिकॉर्ड भी टूटे की कगार पर था।
उत्तराखंड में मौसम विभाग के अनुसार बारिश और बर्फबारी के साथ ही कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है। सरकार, शासन और आपदा आपदा प्रबंधन को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। वही इस दौरान अगले 24 घंटे में पूरे उत्तराखंड में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान मौसम विभाग से मिली ताजा जानकारी के अनुसार अगले चौबीस घंटे में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल, देहरादून में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पर्वतीय जिलों में 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है।
इसी के साथ देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश को देखते हुए जनपद देहरादून की डीएम सोनिका ने अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले चौबीस घंटे में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, पौड़ी, नैनीताल, देहरादून में भारी बारिश की संभावना है। वहीं, पर्वतीय जिलों में 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी हो सकती है।वही जिसमें उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ जनपदों में कहीं.कहीं भारी वर्षा व ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है। जिसकी सूचना पर्यटको ने सोशल मीडिया पर दे रहे है।
आपको बता दे कि उत्तराखंड में चमोली जिले में बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी, औली, चोपता, गौरसों बुग्याल, रुद्रनाथ, गैरसैंण, देवाल, थराली, लाल माटी, जोशीमठ, घिंघराण, सुतोल, कनोल, डुमक, कलगोठ, उर्गम, भेंटी, सुरांईथोटा, भल्लागांव, पाणा, ईराणी, झींझी आदि गांवों क्षेत्रों में बर्फबारी होती है।