न्यूज डेस्क/उत्तराखंड: 09 अगस्त 2025, शनिवार को जानकारी के मुताबिक टैरिफ युद्ध क्या है? असली कहानी: मोदी कैसे ट्रंप के दबाव से भारत के किसान और जनता को बचा रहे हैं!
अमेरिका (ट्रंप) चाहता था कि भारत अपने कृषि बाज़ार को खोल दे।
– यानी अमेरिकी कंपनियाँ GM बीज, हॉर्मोन वाला दूध, प्रोसेस्ड मांस भारत में बेचें।
– भारत ने मना किया — क्योंकि इससे किसानों, स्वदेशी ब्रांड और सेहत को नुकसान होता।
– ट्रंप ने बदले में भारत पर 25% टैक्स लगा दिया — इसी को टैरिफ वॉर कहते हैं।
मोदी सरकार ने क्या किया? – मोदी जी ने अमेरिका के दबाव को नकारा।
– कहा: GM फूड नहीं चलेगा, किसान और ग्राहक की सुरक्षा सबसे ज़रूरी है।
– भारत की नीति भारत तय करेगा, अमेरिका नहीं।
अगर अमेरिका को खेती में घुसने दिया जाता तो?
किसानों के लिए:- हर साल महंगे विदेशी बीज खरीदने पड़ते।
– बीज बचाना बंद — खेती का कंट्रोल विदेशी कंपनियों को।
– क्या बोना है, कितने में बेचना है — कंपनियाँ तय करतीं, किसान नहीं।
आम जनता के लिए: – खाना में GM फूड, हॉर्मोन, रसायन — सेहत को खतरा।
– शुरू में दाम कम, बाद में बहुत ज़्यादा — जब लोकल कंपनियाँ खत्म हो जाएंगी।
– पारंपरिक अनाज, सब्ज़ी, खाना धीरे-धीरे गायब।
भारतीयों को मोदी जी का साथ क्यों देना चाहिए?
– क्योंकि वो विदेशी कंपनियों के दबाव में नहीं झुके।
– ट्रंप ने 25% टैक्स लगाया, फिर भी भारत ने अपनी नीति नहीं बदली।
– ये राजनीति नहीं — भारत की *खाद्य सुरक्षा और किसान की आज़ादी* की बात है।
हमें क्या करना चाहिए? इस सच को दूसरों तक पहुँचाएं — जागरूकता बढ़ाएं।
अमूल जैसे लोकल ब्रांड से खरीदें — विदेशी उत्पादों से बचें।
ट्रंप ब्रांड वाले प्रोजेक्ट्स में निवेश या खरीद न करें।
किसान-बीज-स्वराज को समर्थन दें — स्वदेशी खेती को बढ़ावा दें।
नेताओं पर दबाव डालें कि भारत के हित को पहले रखें।
निष्कर्ष: ये सिर्फ़ ट्रेड की लड़ाई नहीं है।
ये लड़ाई है —, – किसान की ज़मीन बचाने की
– जनता की सेहत बचाने की, – और भारत की आत्मनिर्भरता बचाने की।, मोदी सरकार इसके लिए खड़ी है — अब हमें भी उनके साथ खड़ा होना होगा।