नही चाहिए ऐसा मेडिकल अस्पताल हमे, यहां विकास नही विनाश हो रहा.?

हमारी खबर ने पहले दिया था संकेत..जिसमें डिप्टी एस और एमएस की जोड़ी खूब चर्चा में..!

उत्तराखण्डः 16- Jan. 2025, ब्रहस्पतिवार को देहरादून स्थित   उत्तराखंड के सबसे बड़े राजकीय दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में देहरादून ही नहीं बल्कि पर्वतीय जिलों और देहरादून के आसपास के मैदानी जिलों से भी मरीज अपना इलाज कराने यहां पहुंचते हैं। यहां रोज आना करीब 2500 से अधिक ओपीडी रजिस्ट्रेशन किए जात है। वही इस दून मेडिकल कालेज अस्पताल से अव्यवस्थाओं को लेकर अक्सर खबरें सामने आते रहती हैं। साथ ही इस अस्पताल में प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद अव्यवस्थाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं।

वही पीछले दो माह पहले  दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ0 धंनजय डोभाल ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। जिसमें उनके खिलाफ कई शिकायते प्राप्त हो रही थी। वही इसके बाद से ही यह कयास लगा जा रहा था कि अब दून अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर अनुराग अग्रवाल भी अपने पद से इस्तीफा दे सकते है। और वही बात आज सत्य साबित हुई। जिसमें दून अस्पताल के एमएस डॉ0 अनुराग अग्रवाल ने अपने पद छोड़ दिया। और अपना इस्तीफा प्राचार्या डॉ0 गीता जैन को सौप दिया। साथ ही इस अस्पताल में आए दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जिन्हें देखने के बाद अस्पताल प्रबंधन पर कई सवाल उठते हैं। अभी हाल में दून अस्पताल से फिर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है।

जिसमें सूत्रों से जानकारी मिली है कि एम एस डॉक्टर अनुराग अग्रवाल के इस पद से इस्तीफा देने के पीछे कई बातें निकाल कर आ रही है। ज्ञात हुआ है कि उनके कार्यों को लेकर कर्मचारी भी खुश नहीं थे। साथ ही डॉ0 अनुराग इस्तीफा से एक देने से एक दिन पहले दूर अस्पताल से एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एम एस के बीच ख्ूाब जमकर विवाद हुआ जिसकी चर्चा में बहुत वायरल हो रही है। जिस कारण एमएस ने सोमवार 13 जनवरी को डॉक्टर अग्रवाल ने अपना इस्तीफा प्राचार्य को सौंप दिया। कहा जा रहा है कि अभी तक डॉ0 अनुराग का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। अगर इस्तीफा स्वीकार होता है तो जल्द ही एक और नए एम एस की नियुक्ति की जाएगी।

डॉ अग्रवाल के इस्तीफा देने के बाद अस्पताल में नए एम एस की तलाश शुरू कर दी गई। आपको बता दे की दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल व्यवस्थाओं की चपेट में है पिछले एक सप्ताह से अस्पताल में ऐसी कई घटनाएं घाटी है जिसमें अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़ा किया है। साथ यह रोज-रोज प्राचार्य कक्ष में मीटिंग ही मीटिंग की जा रही जिस कारण कई अधिकारी व स्टाफ आहात हो रहे थे। वहीं इसी के साथ जानकारी मिली है कि 11 जनवरी को दोनों अस्पताल के कैंसर विभाग के अध्यक्ष ने एक सिनियर असिस्टेंट प्रोफेसर को ओपीडी में घुसकर पीटा था। गाली गलौच तक की नौबत आ गई थी। क्योंकि यह घटना शर्मशर करने वाली भी थी।

इसीलिए प्रबंधन पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लगा है। उसी दिन डॉक्टर एमएस अग्रवाल के साथ के साथ भी तीखी नोंकझोक जो हुई थी। यानी कुल मिलाकर इस दून अस्पताल में मरीजों का इलाज तो हो नही हो है यह तो डॉक्टर अधिकारी आपस में लड़ रहे है। जिससे दून अस्पताल की छवी खराब हो रही है। वही इन डॉक्टर अधिकारियों का भी इलाज स्वास्थ विभाग नहीं कर रहा है।

आपको बता दे कि पिछले कुछ महीने पहले हमारे न्यूज़ पोर्टल में खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थीं जिसमें डिप्टी एस और एमएस की जोड़ी खूब चर्चा में चल रही थी। इनकी मनमर्जी के आगे स्टाफ भी परेशान था। इसलिए इससे पहले डॉक्टर डिप्टी एस धनंजय डोभाल ने अपना इस्तीफा दिया था। उसके बाद से ही कयास लग रहे थे कि अब एस डॉक्टर अनुराग अग्रवाल की जब जोड़ी टूट गई तो एमएम भी अपने पद से इस्तीफा देंगे और यह बात आज सच्च साबित हुई है।

इस दून मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यहा चिकित्सक के इंतजार में दर्द से कराहते मरीज, इमरजेंसी में दलालों की बढ़ती सक्रियता, बेड को तरसती गर्भवती महिलाएं, चिकित्सीय जांच के लिए लंबा इंतजार, यहां बदइंतजामी की तस्वीर पेश करते हैं। वहीं फुट ओवर ब्रिज न बनने के कारण मरीजों को पुराने से नए ओपीडी भवन में आने.जाने में मुसीबत झेलनी पड़ रही है।

कुल मिला कर दून की जनता का कहना है कि इससे पहले जिला दून अस्पताल  ही ठीक था। इतनी परेशानी भी नही झेलनी पड़ती। नही चाहिए ऐसा दून मेडिकल कालेज अस्पताल जिसमें किसी की कदर ना हों। जब यह डॉक्टर अधिकारी आपस में लडते हो और अस्पताल की गरिमा धूमिल हो रहो तो ऐसे कही अस्पताल में देखा जो आज यह देखने व सुनने को मिल रहा है। वही राज्य सरकार व स्वास्थ्य विभाग भी मौन बैठा ताक रहा है। नही चाहिए ऐसा मेडिकल अस्पताल हमे।इस दून मेडिकल कालेज अस्पताल में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

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