राजभवन में अष्टमी-नवमी, दोनों की पूजा पूरे विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन!

“नवरात्रि का यह पर्व हमारे समाज की परंपराओं और मूल्यों का प्रतीक!राज्यपाल

उत्तराखण्डः 11 अक्टूबर 2024, शुक्रवार को को देहरादून / राजधानी स्थित आज देशभर में  शारदीय नवरात्रि का महापर्व शुक्रवार 11 अक्टूबर 2024 को कन्या पूजन के साथ समाप्त हो जाएगा। इस बार अष्टमी और नवमी, दोनों की पूजा एक साथ ही की जाएगी। ज्योतिष के अनुसार, इस साल सप्तमी और अष्टमी एक ही दिन 10 अक्टूबर को थी। ऐसे में शास्त्रों में सप्तमी युक्त अष्टमी को निषेध माना गया है. इसी वजह से इस साल नवरात्रि में अष्टमी पर महागौरी की पूजा और कन्या पूजन दोनों शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024 को ही किए जाएंगे। और इसी दिन ही महानवमी का कन्या पूजन और मां सिद्धिदात्री  पूजन का आह्वान किया।

 राजभवन में  उत्तराखण्डः राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने  सपरिवार शारदीय नवरात्रि की महानवमी के अवसर पर राजभवन में पूरे विधि-विधान से देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन किया। राज्यपाल ने सभी प्रदेशवासियों के लिए सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की, और इस पर्व के माध्यम से समाज में नारी शक्ति के सम्मान को और मजबूत करने का आह्वान किया।

इस अवसर पर  राज्यपाल ने  कहा, “नवरात्रि का यह पर्व हमारे समाज की परंपराओं और मूल्यों का प्रतीक है। देवी स्वरूपा कन्याओं का पूजन हमें याद दिलाता है कि नारी शक्ति का सम्मान हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है।”

 इस अवसर पर नवरात्रि नारी शक्ति के सम्मान और कन्याओं को पूजने का भी पर् कहा गया है. इसी वजह से नवरात्रि में कुंवारी कन्याओं को पूजने और भोजन कराने की परंपरा भी है।अष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन के बगैर नवरात्रि की तपस्या अधूरी रह जाती है। अष्टमी-नवमी से एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रित करें। फूलों की वर्षा से कन्याओं का स्वागत करें. एक थाल में इनके पैर धुलवाएं और इनका आशीर्वाद लें.। कन्याओं के साथ एक बटुक को जरूर बैठाएं।  फिर सभी को हलवा, चना और पूरी का भोजन कराएं. आखिर में जाते समय दान-दक्षिणा देकर कन्याओं का आशीर्वाद लें।

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