राज्य के 13 जिलों के 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का किया शुभारंभ

उत्तराखंड:10 अगस्त 2025, रविवार को देहरादून  स्थित  रा.प्र. विद्यालय, भोगपुर, देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिभाग करते हुए राज्य के 13 जिलों के 13 आदर्श संस्कृत ग्रामों का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार भविष्य में इन सभी आदर्श संस्कृत ग्रामों में संस्कृत भवनों के निर्माण के साथ ही राजकीय प्राथमिक संस्कृत विद्यालयों की भी स्थापना करेगी।

मुख्यमंत्री ने देहरादून में भोगपुर गांव, टिहरी गढवाल के मुखेम गांव, उत्तरकाशी के कोटगाँव, रुद्रप्रयाग के बैंजी गांव, चमोली के डिम्मर गांव, पौड़ी गढ़वाल के गोदा गांव,  पिथौरागढ के उर्ग गांव, अल्मोड़ा के जैंती पाण्डेकोटा गांव, बागेश्वर के शेरी गांव, चम्पावत के खर्ककार्की गांव,  हरिद्वार के नूरपुर पंजनहेडी गांव, नैनीताल के पाण्डे गाँव एवं ऊधमसिंहनगर के नगला तराई गांव को आदर्श संस्कृत ग्रामों के रूप में उनका शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न संस्कृति ग्रामों के लोगों से वर्चुअल माध्यम से संवाद भी किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तरकाशी और पौड़ी में आई आपदा पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास कार्यों को पूरी संवेदना और तेज गति से करेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार का प्रयास है कि देववाणी संस्कृत की पवित्र ज्योति को उत्तराखंड में प्रज्ज्वलित रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड पहला राज्य है। जो इस तरह की पहल से देववाणी संस्कृत के संरक्षण एवं संवर्धन पर कार्य कर रहा है। संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति, परंपरा, ज्ञान और विज्ञान का मूल आधार है। संस्कृत भाषा के आधार पर ही प्राचीन मानव सभ्यताओं का विकास संभव हो सका है।  सनातन संस्कृति में वेदों, ग्रंथों, पुराणों और उपनिषदों की रचना संस्कृत में ही की गई है। संस्कृत भाषा अनादि और अनंत है।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और संवर्धन के लिए कार्य किया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में संस्कृत को आधुनिक और व्यवहारिक भाषा के रूप में स्थापित करने के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा आदर्श संस्कृत ग्रामों में लोग अपने दैनिक जीवन में संस्कृत का प्रयोग करेंगे जिससे देववाणी पुनः हमारे जीवन में बोलचाल, व्यवहार और संवाद का हिस्सा बन सकेगी। राज्य सरकार प्रदेश के विद्यालयों में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष छात्रवृत्ति प्रदान कर रही है। संस्कृत भाषा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान योजना से सम्मानित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय भी लिए हैं।राज्य में ऑपरेशन कालनेमि के माध्यम से सनातन धर्म को बदनाम करने वाले पाखंडियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा रही है।

साथ ही उत्तराखण्ड सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी ऐतिहासिक धरोहर है। उत्तराखंड भारत का पहला राज्य है, जिसने संस्कृत भाषा को अपनी दूसरी आधिकारिक भाषा घोषित किया है। उन्होंने कहा अगले वर्ष से संस्कृत विद्यालयों में एनसीसी, एन.एस.एस का शुभारंभ के साथ ही शिक्षकों की कमी को दूर किया जाएगा।

इस अवसर पर विधायक श्री बृजभूषण गैरोला, मेयर ऋषिकेश श्री शंभू पासवान, सचिव श्री दीपक कुमार, उत्तराखंड संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र शास्त्री, श्री मधुकेश्वर भट्ट, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

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