अमेरिका जो कर रहा,अब हमें भी करना होगा !

अमेरिका जो कर रहा है, वह अब हमें भी करना होगा – : घुसपैठियों को निकालने पर, अमेरिका पर आपत्ति क्यों -? ऐसा नहीं है अमेरिका ट्रंप के आने बाद ही अवैध प्रवासियों को निकाला जा रहा है – यह काम पिछले तरह साल से चल रहा है – हर वर्ष कितने लोग निकाले गए, संख्या लाखों में – है !  इसका स्रोत यूएस इमिग्रेशन & कस्टम्स एनफोर्समेंट है – जानकारी के अनुसार  अमेरिका में अवैध प्रवासियों के घुसने वालों की संख्या ओबामा, ट्रंप और बिडेन काल में यह है :-ओबामा : 5,554,622, ट्रंप : 5,303,308, बिडेन : 12,095,804 है!

 जानकारी के अनुसार अमेरिका अपने देश से अगर अवैध प्रवासियों को हथकड़ी लगा कर और कुछ को बेड़ियां बांध कर निकाल रहा है तो उस पर हमारे विपक्ष ने बवाल काट दिया और मोदी की नाकामी बता दिया लेकिन यह भूल गए अमेरिका ही नहीं किसी भी देश की नज़र में घुसपैठिये अपराधी ही होते हैं और उनसे क्या व्यवहार करना है यह उस देश पर निर्भर करता है – हर देश हमारे भारत की तरह नहीं है जहां कांग्रेस सरकार ने 75 साल से देश को मुसलमानों के लिए “मुफ्त” में रहने की धर्मशाला बना दिया, उन्हें वोटर बना लिया और चुनाव जीतने की मशीन की तरह उपयोग किया जा रहा है –

इसका मतलब है कि सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी बिडेन के समय में अमेरिका में घुसे थे – ट्रंप अगर अवैध प्रवासियों को निकालने की कोशिश कर रहा है तो उसमें कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि ये घुसपैठिए अमेरिकी संसाधनों का दोहन कर अमेरिका को आर्थिक क्षति पहुंचा रहे हैं जैसे भारत में बांग्लादेशी और रोहिंग्या पहुंचा रहे हैं और करदाताओं के पैसे लूट रहे हैं जबकि टैक्स एक पैसा नहीं देते और दंगे करके सरकारी और निजी संपत्तियों को आग लगा देते हैं – उनके बारे में कांग्रेस और अन्य किसी सरकार ने कभी ध्यान नहीं दिया –

अब ट्रंप प्रशासन ने “स्व निर्वासन एप” लांच किया है – अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को गिरफ़्तारी और हिरासत का सामना करने के बजाय स्वयं निर्वासित करने की अनुमति देने के लिए यह एप शुरू किया गया है – “अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा एप” जिसे सीबीपी होम कहा जाता है, अवैध प्रवासियों को प्रस्थान के इरादे प्रकट करने का विकल्प देगा -जो लोग भी पकड़े जा रहे हैं वे बता सकते हैं कि उनके साथ आए घुसपैठिए कहां हैं क्योंकि उनका नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ है!

यह काम भारत में भी शुरू किया जा सकता है – भारत में आधार कार्ड सब समस्याएं पैदा कर रहा है जिसे बनाने के लिए Outsourcing की हुई है – आधार कार्ड बनते ही राशन, वोटर कार्ड, पैन कार्ड सब आसानी से बन जाते हैं – इसलिए सबसे पहले आधार कार्ड बनाने वाली प्राइवेट एजेंसियों पर सर्जिकल स्ट्राइक करनी जरूरी है – तब पता चल सकता है कितने लोगों को फर्जी जानकारी के आधार पर आधार कार्ड बनाए गए !

सरकार अपनी तरफ से अवैध घुसपैठियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन कौन बांग्लादेशी है और कौन रोहिंग्या है, यह सब उन घुसपैठियों को पता है – और इसलिए एक समय सीमा निश्चित कर देनी चाहिए कि स्वैच्छिक रूप से घुसपैठिए सबसे नजदीक पुलिस स्टेशन में समर्पण कर दें जिन्हे फिर सीमा पार छोड़ दिया जायेगा – जो ऐसा नहीं करेगा, वह पकड़े जाने पर दंडित भी होगा और डिपोर्ट भी किया जायेगा – अदालतों को सख्त निर्देश भी सरकार को देने चाहिए कि इस अभियान को कुंद करने की कोशिश न की जाए !

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