वन विभाग में डॉ0 धकाते ऐसे पहले अधिकारी जो अपने कार्यो को सख्ती से अंजाम दे रहे !

डॉ0 पराग धकाते द्वारा सीएम धामी के आदेश का पालन बा खूबी निभा रहे है !

देहरादून/उत्तराखण्ड: 05 JUNE.. 2023,  देवभूमि, पहाड़ी राज्य के वन क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियों के नाम पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ धामी सरकार की कार्रवाई जारी है। उत्तराखण्ड वन विभाग में नोडल अधिकारी डॉ0 पराग मधुकर धकाते के द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर उत्तराखण्ड के सभी जगह जंगलो में वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण की कार्रवाई जारी है। वही जिसमें उत्तराखण्ड प्रभागीय वनाधिकारिओं को अपने प्रभागों में भारतीय वन अधिनियम  उत्तराखंड संशोधन 2002, के सुसंगत प्रावधानों के अनुसार वन भूमि पर अवैध अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इस दौरान नोडल अधिकारी डॉ0 धकाते के निर्देशानुसार में अभी तक वन विभाग द्वारा अलग अलग जिलो में कुल 429 धार्मिक अतिक्रमण को हटा चुका है।

वही जिसमें प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब 388 मजारो एवं धार्मिक 41 छोटे मंदिर शामिल हैं। इस कार्यावाही से अब तक बन विभाग की 252 हेक्टेयर भूमि अतिक्रमण से मुक्त करा गई है। साथ ही जंगल में जलाशय व पोखर के आसपास किए गए अतिक्रमण भी ध्वस्त किए जाएंगे।   वही इसी के साथ उत्तराखण्ड वन विभाग की ओर से अवैध रूप से बने धर्मस्थलों को चिह्नित करने और उन्हें हटाने की प्रक्रिया जारी है। वही दूसरी ओर  अब वन विभाग ने नदियों में खनन कर रहे श्रमिकों को भी वन क्षेत्र से बाहर करने का निर्णय लिया है।

वही इसी के साथ  ही प्रथम चरण में प्रदेश में 500 से अधिक अतिक्रमण कर बनाए गए धर्मस्थल चिह्नित किए गए। इनमें से ज्यादातर हटा दिए गए हैं, जबकि कुछ धर्मस्थलों को नोटिस भेजे गए हैं। साथ ही उन्होनें ने बताया कि  प्रभागीय वनाधिकारी सेटेलाइट के माध्यम से भी अवैध निर्माण को चिह्नित कर रहे हैं।  वही नोडल अधिकारी डॉ0 पराग मधुकर धकाते के द्वारा राजाजी टाइगर रिजर्व और काॅर्बेट टाइगर रिजर्व में भी अवैध रूप से बने धर्मस्थलों को हटाने की कार्रवाई जारी है।

वही कॉर्बेट पूरी तरह से अतिक्रमण से मुक्त कर दिया गया है। वही इस दौरान अवैध कब्जों की जानकारी लेने के लिए पुलिस के खूफिया तंत्र को भी सक्रिय किया गया है, इसके अलावा जिला प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं कि वह भी टास्क फोर्स का पूर्ण सहयोग करें। इसके साथ ही कार्रवाई का समय और अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय की गई है। वही जिसमें अवैध कब्जे को लेकर कई बार नैनीताल हाईकोर्ट भी राज्य सरकार और वन विभाग को फटकार लगा चुका है।

 वही दूसरी ओर प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश की राजधानी में   सबसे ज्यादा अतिक्रमण देहरादून जिले में हटाए गए हैं।  इस कार्रवाई के बाद वन विभाग की टीम टिन-टप्पर, लोहा, ईंट, गारा सब उस स्थान से उठाकर ले गई। जबकि कहीं से भी किसी प्रकार के विरोध की खबर सामने नहीं आयी है।   यहां 1415 अतिक्रमण हटाकर सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त किया गया है।

इसके अलावा हरिद्वार में 259, पौड़ी में सात, टिहरी में 106, चमोली में 47, ऊधमसिंहनगर में 416, नैनीताल में 19, अल्मोड़ा में चार, पिथौरागढ़ में पांच और बागेश्वर में एक अतिक्रमण हटाए गए हैं। अब तक सरकारी जमीनों से प्रदेश भर से 2279 अतिक्रमण हटाए गए हैं। कई बार देखा गया है कि सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए लोग वहां धार्मिक स्थल बना देते हैं। ताकि कोई भी उन्हे वहां से ना हटा पाए। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के आसपास जंगलों में भी कुछ ऐसा ही देखा गया है।

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