महाशिवरात्रि महापर्व के दिन आओ जानते हैं…अति शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त !

देहरादून/उत्तराखण्ड:17-FEB.. 2023, खबर… राजधानी से शुक्रवार को,    18 फरवरी 2023 , शनिवार  यानी फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को  महाशिवरात्रि का महापर्व है।  इस बार महाशिवरात्रि के दिन शनि प्रदोष का होना दुर्लभ संयोग माना जाता है, जोकि शिवजी की कृपा पाने और शनि दोष को दूर करने के लिए बेहद कारगर है। वही इस शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।

महाशिवरात्रि का महापर्व पर शिव मंदिर में जाकर शुद्ध जल, गन्ने का रस, दूध, दही, शहद और घी आदि से शिवलिंग पर अभिषेक करें। अब शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और भगवान को बेलपत्र, भांग, धतूरा, फल, मिष्ठान, आदि अर्पित करें।  इसके बाद शिव चालीसा पढ़ें और शिवजी के मंत्रों का उच्चारण करें। तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।  आखिर में शिवजी की आरती गाएं। कल यानी शनिवार को महाशिवरात्रि का महापर्व है, जिसके लिए देश-विदेश के शिव मंदिरों को सजाया गया है।

बता दे कि महाशिवरात्रि का दिन शिव पूजा का सबसे बड़ा दिन होता है। महाशिव रात्रि के बाद ही शिवरात्रि आती है। इस बार अधिकमास होने से महाशिवरात्रि का पर्व जल्द ही आ रहा है। फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 को मनाया जाएगा।

बता दे कि शिवभक्त इस दिन शिवजी की शादी का उत्सव मनाते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ शक्ति की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था। शिव जो वैरागी थी, वह गृहस्थ बन गए। माना जाता है कि शिवरात्रि के 15 दिन पश्चात होली का त्योहार मनाने के पीछे एक कारण यह भी है।

महाशिवरात्रि के दिन आओ जानते हैं शुभ संयोग:  प्रदोष व्रत : 18 तारीख शनिवार के दिन है और इसी दिन त्रयोदशी यानि प्रदोष का व्रत भी रखा जाएगा। त्रयोदशी समाप्ती के बाद चतुर्दशी प्रारंभ हो जाएगी। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात 08.05pm पर प्रारंभ हो रही है और अगले दिन 19 फरवरी 2023 को शाम 04 . 21pm मिनट पर समाप्त होगी। महाशिवरात्रि का पर्व चार प्रहर में करने का विधान है। इसमें भी रात्रि के आठवें मुहूर्त का महत्व है।

शिवलिंग पर  ये सामग्री  चढ़ाएं:  मेष राशि: बेलपत्र अर्पित करें. वृष राशि: दूध मिश्रित जल चढ़ाएं. मिथुन राशि: दही मिश्रित जल चढ़ाएं., कर्क राशि: चंदन का इत्र अर्पित करें. सिंह राशि: घी का दीपक जलाएं. कन्या राशि: काला तिल और जल मिलाकर अभिषेक करें., तुला राशि: जल में सफेद चंदन मिलाएं. वृश्चिक राशि: जल और बेलपत्र चढ़ाएं. धनु राशि: अबीर या गुलाल चढ़ाएं. मकर राशि: भांग और धतूरा चढ़ाएं. कुंभ राशि: पुष्प चढ़ाएं , मीन राशि: गन्ने के रस और केसर से अभिषेक करें। भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।मान्यता यह भी है कि इस दिन भगवान शिव की सेवा में दान-पुण्य करने व शिव उपासना से उपासक को मोक्ष मिलता है। शिवरात्रि के पर्व पर जागरण का विशेष महत्व है। 

अति शुभ संयोग 18 फरवरी 2023 :- सर्वार्थ सिद्धि योग- शाम 05:42 से अगले दिन प्रात: 07:05 तक। यानी सर्वार्थ सिद्धि योग में महाई जाएगी महाशिवरात्रि।शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। इस साल महाशिवरात्रि के दिन प्रदोष व्रत भी है और साथ ही शनिवार का दिन भी है।

वरियान : महाशिवरात्रि पर रात्रि 07 बजकर 35 मिनट से वरियान योग प्रारंभ होगा जो अगले दिन दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

निशीथ काल पूजा मुहूर्त : 24:09:26 से 25:00:20 तक रात्रि का आठवां मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है।

महाशिवरात्री पारणा मुहूर्त : 06:57:28 से 15:25:28 तक 19, फरवरी को

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग में ये चीजें न चढ़ाएं :  हल्दी का तिलक न लगाएं,  तुलसी दल न चढ़ाएं, सिंदूर और कुमकुम, कनेर, कमल और लाल फूल रंग के न चढ़ाएं, शंख से जल अर्पित न करें,  लोहे या स्टील के लोटे से अभिषेक न करें।

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